अभियान चलाकर की जा रही टीबी के मरीजों की पहचान
जिला टीबी नियंत्रण विभाग ने नए मरीजों की पहचान के लिए अभियान शुरु किया गया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिला टीबी नियंत्रण विभाग ने नए मरीजों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम कालोनियों एवं स्लम बस्तियों में जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर रही है। यह अभियान पांच फरवरी तक चलाया जाएगा।
सरकार ने भारत मुक्त टीबी अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत वर्ष 2023 तक टीबी के संक्रमण को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। टीबी नियंत्रण विभाग की ओर से जागरूकता अभियान और प्रत्येक महीने की 14 तारीख को निक्षय दिवस मनाया जाता है। एक महीने के दौरान स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर जाकर सर्वे करेंगे और दो सप्ताह से अधिक खांसी वाले मरीज की पहचान करके नजदीक की डीएमसी (डेजिगनेटेड माइक्रो स्कोपिक सेंटर) में जांच कराएंगे और टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए प्रोत्सहित करेंगे। टीबी के मरीज को इलाज चलने तक 500 रुपये की मासिक पेंशन दी जाती है। यह अभियान राहुल कालोनी, एसी नगर, कृष्णा नगर झुग्गी, जवाहर कालोनी, पर्वतिया कालोनी, एसजीएम नगर, भारत कालोनी, न्यू जनता कालोनी, बसेलवा सहित कई जगहों पर चलाया जा रहा है। छह हजार से अधिक हैं मामले
टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के संयोजक सुभाष गहलोत ने बताया कि जिले में अभी तक छह हजार से अधिक टीबी के मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 4810 मरीज स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न केंद्रों से चिन्हित किए गए हैं। वहीं 1250 मरीज निजी अस्पतालों में चिन्हित किए गए हैं। वहीं एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) के 215 और एक्सडीआर (एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंस) के चार मरीज हैं और एक टीबी के मरीज की मौत भी हुई है। टीबी के लक्षण
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, सीने में दर्द, खांसने व सांस लेने में दर्द होना, वजन कम होना, रात में पसीना आना, ठंड लगना, भूख नहीं लगना टीबी के प्रमुख लक्षण हैं। हमारा लक्ष्य है कि अधिक से अधिक टीबी के मरीजों की पहचान करके उनका इलाज कराया जाए, ताकि टीबी के संक्रमण को समाप्त किया है। एक महीने के दौरान टीबी नियंत्रण विभाग की टीम विभिन्न स्थानों पर जाकर टीबी के मरीजों को चिन्हित करेगी और उनका इलाज शुरू करवाएगी।
-डा. शीला भगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी