सूरजकुंड मेले में दूसरे दिन दिखी खूब रौनक, शनिवार को मेला देखने पहुंचे 20 हजार से ज्यादा दर्शक
Surajkund Mela 2023 पर्यटकों ने नार्थ ईस्ट के व्यंजनाें का लुत्फ लिया। इसके अलावा राजस्थान के दाल बाटी चूरमा प्याज कचौरी और मिर्च के पकौड़े का आनंद लिया। पर्यटकों ने मीठे में गोहाना के जलेबा को प्राथमिकता दी। वहीं चिवड़े की बनी भेलपूड़ी का भी जायका लिया।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। अरावली की वादियों में शुरू हुए 36वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला के दूसरे दिन शनिवार को खूब रौनक दिखी। दूसरे दिन ही पर्यटकों को अपने स्टालों पर देख शिल्पकारों के चेहरे भी खिले नजर आए। बहुत से लोगों ने खरीदारी भी की तो कुछ ने पूछताछ की और मेले में फिर आने का वादा किया। मेला अधिकारियों के मुताबिक शनिवार शाम तक अनुमानित 20 हजार से अधिक दर्शक सूरजकुंड मेला देखने के लिए पहुंचे।
दर्शकों ने व्यंजनों का भी आनंद लिया और जब घूमते-घूमते थक गए तो मुख्य चौपाल और मिनी चौपाल पर विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक रंग देखने में मस्त हो गए। शनिवार को सुबह के समय मुख्य चौपाल पर विभिन्न देशों के कलाकार रिहर्सल करते दिखाई दिए।
छोटी चौपाल पर एससीओ देश कजाकिस्तान, पड़ोसी राज्य राजस्थान, पंजाब के लोक कलाकारों ने और जिले के विभिन्न विद्यालयों से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इस बार मेला परिसर में थीम स्टेट नार्थ ईस्ट का अपना घर की जगह गैलरी बनाई गई है। यहां पर नार्थ ईस्ट के हस्तशिल्पी कलाकार अपनी हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं।
व्यंजनों का भी लिया लुत्फ
सूरजकुंड मेला प्रबंधन कमेटी ने पर्यटकों को विभिन्न राज्यों के व्यंजनों से रूबरू कराने के लिए फूड स्टाल पर स्टाल लगाए गए हैं। यहां थीम स्टेट नार्थ ईस्ट की फूड स्टाल भी लगाई है। पर्यटकों ने नार्थ ईस्ट के व्यंजनाें का लुत्फ लिया। इसके अलावा राजस्थान के दाल, बाटी, चूरमा, प्याज कचौरी और मिर्च के पकौड़े का आनंद लिया। पर्यटकों ने मीठे में गोहाना के जलेबा को प्राथमिकता दी। वहीं चिवड़े की बनी भेलपूड़ी का भी जायका लिया।
दिन ढलते ही बढ़ी भीड़
शनिवार को सुबह से ही मेला परिसर में पर्यटकों की भीड़ थी। शाम के समय फैशन शो देखने के लिए अच्छी संख्या में पहुंचे थे। शाम को दिल्ली से वाईआइपी गेट पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या दिखाई दे रही थी।
पूर्वोत्तर गैलरी में देख सकते हैं 8 राज्यों की हस्तशिल्प
36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में थीम स्टेट पूर्वोत्तर के सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम के परंपरागत शिल्प उत्पादों में पर्यटक रूचि दिखा रहे हैं। सिक्किम की परंपरागत शिल्पकला टांका, असम की शिल्पकला, मेघालय की ऊन के समान धागे से बनी ऐरी तथा एक्रेलिक के उत्पाद, नागालैंड की शाल, कुशन कवर, त्रिपुरा की रिशा, फसरा, वैस्काट, मणिपुर की सूती शाल, मेकला, रनर्स, अरुणाचल प्रदेश के विशेषकर महिला शिल्पकारों व बुनकरों के उत्पाद व मिजोरम के शिल्पकारों के बैग, शाल, लेडी पर्स, किड्स वियर, पारंपरिक आभूषण आदि उत्पाद भी पर्यटकों को आकर्षित करते नजर आए।