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सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही पहचान : राज्यपाल

34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का रविवार को समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 06:17 AM (IST)
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही पहचान : राज्यपाल
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही पहचान : राज्यपाल

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का रविवार को समापन हो गया। मेजबान प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में और थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शिल्पियों को अवार्ड प्रदान किए। समापन समारोह में पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान के राजदूत फरहोद अरजीव विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे, जबकि अध्यक्षता प्रदेश के पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने की।

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समापन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यदेव ने कहा कि फैशन इंडस्ट्री, हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम से जुड़ने के बाद हथकरघा वस्तुओं के व्यवसाय ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई पहचान दी है और सूरजकुंड मेला इस पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित कर रहा है। मानव-जीवन में कला, संस्कृति और संगीत का बहुत महत्व होता है और यह मेला इन तीनों विधाओं का एक अद्भूत संगम है। मेले के सहभागी देश उज्बेकिस्तान को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास में उज्बेकिस्तान और भारत के संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं। दोनों देशों का व्यापारिक संबंधों के साथ-साथ वास्तुकला, नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक संबंधों में भी एक दूसरे के साथ गहरा योगदान है।

उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के शिल्पकारों द्वारा बनाई गई हथकरघा वस्तुओं को मेले में एक पटल मिला है, जिससे उनकी कृतियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैशन इंडस्ट्री से जुड़ सकेंगी। मधुबनी पेंटिग को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने वाले ग्रामीण क्षेत्र से निकले हुए बिहार के शिल्पकारों व चित्रकारों को भी राज्यपाल ने बधाई दी।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने अपने संबोधन में सूरजकुंड मेले में आगमन को अपने जीवन का अछ्वुत पल बताया और कहा कि आज हरियाणा में हिमाचल के आगमन का अहसास हो रहा है। मेले में हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती है। समारोह को उज्जबेकिस्तान के राजदूत फरहोद अरजीव व पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने भी संबोधित किया। पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने अतिथियों का स्वागत किया। बॉक्स

यह शिल्पी हुए सम्मानित

दोनों राज्यपालों ने मेले में श्रेष्ठ शिल्पियों को विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इनमें राजस्थान के विनोद कुमार जांगिड़ को चंदनवुड कार्विंग के लिए परंपरागत श्रेणी का अवार्ड, उज्बेकिस्तान के युसूफ जॉन को कलारत्न, यूपी के सरदार हुसैन, उज्बेकिस्तान की फिरूजा, हिमाचल के ओम प्रकाश मल्होत्रा, लद्दाख की डोलमा,

कुंजाग, दिल्ली के मोहम्मद मतलूब, गुजरात के हीराभाई वीरजी भाई चौहान, हिमाचल प्रदेश के नरोतम और यूपी के अनूप राय को

कलामणि अवार्ड से सम्मानित किया गया।


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