23 साल बाद फिर थीम स्टेट बना हिमाचल प्रदेश
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश तय हो गया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : अगले वर्ष फरवरी माह में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला में पर्यटक हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों व लोक संस्कृति का दीदार करेंगे। मेला का थीम स्टेट इस बार हिमाचल प्रदेश होगा, जिसका सोमवार को चयन किया गया। कंट्री पार्टनर के रूप में उज्बेकिस्तान भूमिका निभाएगा। थीम स्टेट और कंट्री पार्टनर तय होने के बाद अब हरियाणा पयर्टन निगम भी मेले के आयोजन से जुड़ी तैयारियों को गति देगा।
सूरजकुंड मेला हर साल फरवरी माह के पहले पखवाड़े में आयोजित होता है। यहां देश-विदेश से लाखों लोग मेला देखने आते हैं। इससे पहले हिमाचल प्रदेश 1996 में थीम स्टेट रहा था। सूरजकुंड मेले में विश्व के 50 से अधिक देश अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए आते हैं। देश के सभी राज्यों के कलाकार मेले में शिरकत करते हैं। हिमाचल की संस्कृति की दिखाई देगी पूरी झलक
चूंकि इस बार थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश होगा, इसलिए पूरे मेला परिसर को वहां की संस्कृति के रंग में रंगा जाएगा। अपना घर में हिमाचल राज्य से एक परिवार आकर ठहरेगा। जो अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करेगा। मेला परिसर को सजाने के लिए हिमाचल प्रदेश से कलाकार आएंगे। वैसे भी हिमाचल प्रदेश की पहचान पयर्टन राज्य के रूप में होती है। इसलिए वहां के मुख्य-मुख्य पर्यटन स्थलों को यहां प्रदर्शित किया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों में मैक्लॉडगंज और मनाली प्रमुख रूप से शामिल होंगे। मैक्लाडगंज में प्रति वर्ष एक लाख से भी अधिक पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं। इसके अलावा चंबा घाटी, कुल्लू मनाली, धर्मशाला, कांगड़ा के भी दर्शन होंगे। हिमाचल के पहाड़ी लोकनृत्य भी काफी प्रसिद्ध है। मेले की चौपाल पर हिमाचल के पहाड़ी लोकनृत्य कलाकारों द्वारा पेश किए जाएंगे। हिमाचल के नाटी, कथड़ी, घुघटी, बिड़सु, दानव नृत्य, बाक्यांग, कायांग, बानाचंयु पहाड़ी नृत्य किए जाते हैं। यह सभी नृत्य लोक संस्कृति से जुड़े हुए है। हिमाचल के 20 से अधिक तरह के खानपान की स्टाल मेले में लगाई जाएगी। साथ ही मेले में कंट्री पार्टनर उज्बेकिस्तान की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। थीम स्टेट व कंट्री पार्टनर तय होने के बाद से ही सूरजकुंड मेले की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द मेला परिसर को हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की झलक दिखाने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया जाएगा। मेला परिसर में उज्बेकिस्तान की संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी।
-राजेश जून, मेला अधिकारी, अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला।