समय पर इलाज कराने से मिल सकती मिर्गी से राहत
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : एपिलेप्सी यानी मिर्गी मस्तिष्क से संबंधित विकार है। बहुत से लोगों
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : एपिलेप्सी यानी मिर्गी मस्तिष्क से संबंधित विकार है। बहुत से लोगों में मिर्गी को लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि मिर्गी को लेकर डरने की नहीं, जागरूक होने की जरूरत है। मिर्गी को अभिशाप समझने की जरूरत नहीं है। मिर्गी का वैज्ञानिक इलाज उपलब्ध है और यदि मरीज डॉक्टर के परामर्श अनुसार अपना उपचार करवाता है तो इसका ईलाज संभव है। शहर में ऐसे कई लोग हैं, जो काफी हद से मिर्गी से राहत पा चुके हैं।
ये हैं मिर्गी के लक्षण
-पैर या शरीर के एक हिस्से का सुन्न पड़ जाना।
-शरीर के एक तरफ के हिस्से की मांसपेशियों में झटके लगना या जकड़ जाना।
-पूरे शरीर में बार-बार झटके आना।
-जीभ कट जाना या मुहं से झाग निकलना।
-पसीना आना।
इन बातों को लेकर बरतें सावधानी
-मिर्गी के दौरे पड़ने के बाद एंबुलेंस मंगवाएं अगर दौरा पांच मिनट से अधिक समय तक चले या पहला दौरा खत्म होने के बाद तुरंत दूसरा दौरा पड़ जाए।
-मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो।
-मरीज को गंभीर चोट पहुंची हो।
डॉक्टर के संपर्क में रहें
-कभी भी अपने आप न तो दवा लेना बंद करें न ही दवा की खुराक बदलें।
यदि आप किसी अन्य परेशानी से भी पीड़ित हैं तो डॉक्टर से जरूर पूछे कि उनके द्वारा सुझाई गयी दवा मिर्गी की दवा के साथ लेने से कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है।
-डॉ.ऋतु झा, न्यूरोलोजिस्ट, सर्वोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर।
काफी हद तक मिली राहत
मुझे बचपन से ही परेशानी थी और दौरे पड़ते थे। अब दो साल से इलाज करा रहा हूं, काफी हद तक राहत है।
-राजा बाबू, 17 वर्ष उम्र।
मैं डेढ़ साल से इलाज करा रहा हूं। पहले से स्थिति अब काफी बेहतर है। नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहता हूं।
-पुष्पेंद्र, 24 वर्ष उम्र।
संभव है मिर्गी का इलाज
मिर्गी शरीर का एक ऐसा विकार है जो मस्तिष्क में असामान्य तरंगे पैदा करता है। इन तरंगों के कारण झटके आते हैं और दौरे पड़ते हैं। कई ऐसी दवाएं है मौजूद हैं, जिसके जरिए 75 फीसद मिर्गी को काबू किया जा सकता है। सबसे पहले लोगों को मिर्गी के बारे में जागरुक रहना चाहिए। किसी भी व्यक्ति में मिर्गी के लक्षण नजर आने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
-डॉ.कदम नागपाल, न्यूरो फिजिशियन, एशियन अस्पताल।