जीत के पल याद कर भावुक हुए सरकार
लॉकडाउन न होता तो जश्न का यह एक अच्छा अवसर साबित होता और हम सब एक मंच पर इकट्ठा कर 29 साल पहले हासिल की गई हरियाणा के क्रिकेट इतिहास की सबसे गौरवमयी उपलब्धि की खुशियों को साझा कर रहे होते।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद : लॉकडाउन न होता तो जश्न का यह एक अच्छा अवसर साबित होता और हम सब एक मंच पर इकट्ठा कर 29 साल पहले हासिल की गई हरियाणा के क्रिकेट इतिहास की सबसे गौरवमयी उपलब्धि की खुशियों को साझा कर रहे होते। खैर भगवान ने चाहा और सब ठीक-ठाक रहा, तो ट्रॉफी जीतने के तीन दशक पूरे होने की पार्टी करेंगे। कुछ इस तरह से अपने भावों को व्यक्त किया पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर सरकार तलवाड़।
सरकार तलवाड़ वानखेड़े स्टेडियम पर तीन से सात मई-1991 तक आयोजित उस रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच में हरियाणा रणजी टीम के मुख्य प्रशिक्षक थे, जो कपिल देव की कप्तानी में बंबई (अब मुंबई) टीम को हरा कर विजेता बनी थी।
भारतीय क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय चैंपियनशिप रणजी ट्रॉफी के 86 साल के इतिहास में हरियाणा सिर्फ एक बार ही विजेता बन पाया है। सरकार तलवाड़ के अनुसार उनके क्रिकेट जीवन के चार सबसे महत्वपूर्ण और यादगार पलों में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में वर्ष 1996 में लॉडर्स के मैदान पर पाकिस्तान को अंडर-16 विश्व कप फाइनल में हरा कर देश को खिताब दिलाना, रणजी ट्रॉफी जीतना और फिर शेष भारत के खिलाफ फरीदाबाद के राजा नाहर सिंह स्टेडियम में हरियाणा द्वारा ईरानी ट्रॉफी जीतना और खिलाड़ी के रूप में 1985 में वानखेड़े स्टेडियम पर ही सेमीफाइनल मैच में भी कपिल देव की कप्तानी में खेलते हुए 9 विकेट लेकर हरियाणा को बंबई पर जीत दिलाना शामिल हैं। सरकार तलवाड़ के अनुसार फाइनल मैच में अंतिम दो ओवर में जब बंबई को तीन रन जीत के लिए चाहिए थे, तब अमरजीत केपी के थ्रो पर अभय कुरुविला रन आउट हो गए थे। इस तरह हरियाणा दो रन की रोमांचक जीत दर्ज कर विजेता बनी थी। तब हरियाणा के मुख्यमंत्री ताऊ देवीलाल थे। ताऊ देवीलाल व हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव रणबीर महेंद्रा ने तब फोन कर उन्हें बधाई दी थी। फरीदाबाद के नजरिए से खास बात यह थी कि अंतिम एकादश में पांच खिलाड़ी चेतन शर्मा, अजय जडेजा, विजय यादव, धनराज सिंह, राजेश पुरी फरीदाबाद के थे। इसके अलावा विनय दत्त, संजय भाटिया हरियाणा टीम के सदस्य थे।