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जब मौत से सामना हुआ जीप सवार युवकों का

बारिश के दिनों में एनएचपीसी अंडरपास पार करने का मतलब सीधा-सीधा जान आफत में डालना है। यहां हर साल 6 से 7 फुट पानी भर जाता है। इसमें से निकलने के प्रयास में गाड़ियां समा जाती हैं। सोमवार को अंडरपास पार करने के लिए आई एक जीप इसमें समा गई। शुक्र रहा इसके अंदर दोनों चालक काफी मशक्कत के बाद बाहर निकलने में कामयाब हो गए। पानी इतना अधिक था कि जीप चलने की बजाए हिलने लगी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:43 PM (IST)
जब मौत से सामना हुआ जीप सवार युवकों का

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: बारिश के दिनों में एनएचपीसी अंडरपास पार करने का मतलब सीधा-सीधा जान आफत में डालना है। यहां पर अच्छी बारिश के दौरान 6 से 7 फुट पानी भर जाता है। इसमें से निकलने के प्रयास में गाड़ियां समा जाती हैं। सोमवार को अंडरपास पार करने के लिए आई एक जीप इसमें समा गई। शुक्र रहा इसके अंदर दोनों चालक काफी मशक्कत के बाद बाहर निकलने में कामयाब हो गए। पानी इतना अधिक था कि जीप चलने की बजाए हिलने लगी थी। 20 अगस्त को भी अंडरपास में भरे पानी में फंसे कार सवार दंपती को ग्रीनफील्ड पुलिस चौकी इंचार्ज ने बचाया था।

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गौरतलब है कि कई बार ऐसी घटना होने के बावजूद प्रशासन यहां पानी निकासी के ठोस इंतजाम नहीं कर सका है। अंडरपास में पानी भरने से ग्रीनफील्ड कॉलोनी की ओर जाने वाले लोगों का रास्ता बंद हो गया है। साथ ही मथुरा रोड जाने वाले लोगों का भी रास्ता बंद है। कॉलोनी में पैदल आने जाने वाले लोग रेलवे लाइन को पार करते हैं। जलभराव की वजह से एक लाख से अधिक लोग परेशान हैं। इस अंडरपास को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने तैयार कराया था। फिलहाल इसकी देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है। यहां कई बार पंप लगाए गए लेकिन कामयाब नहीं हो सके। नगर निगम ने लगाया बोर्ड

नगर निगम की ओर से यहां पानी निकासी के इंतजाम करने की बजाए बारिश के दिनों में इसे न पार करने वाला बोर्ड लगा दिया है। इसके बावजूद वाहन चालक नहीं मानते और इसे पार करने लगते हैं। सोमवार को भी जीप सवार युवकों से आसपास के लोगों ने अंदर घुसने से मना किया था। इसके बावजूद वह नहीं माने। ट्रैक्टर चालक रहते हैं तैयार

बारिश के दिनों में अंडरपास से कुछ ही दूरी पर ट्रैक्टर चालक तैयार रहते हैं। इन्हें पता होता है कि अंडरपास में घुसे बिना चालक मानेंगे नहीं और इनकी गाड़ी डूबना तो तय है। इसके बाद मदद के लिए ट्रैक्टर को ही याद किया जाएगा। पता लगा है कि चालक पानी में फंसी कार को बाहर निकालने की एवज में हजार रुपये तक वसूलते हैं। कई बार तो चालक एक दिन में 3 से 4 गाड़ियों को बाहर निकाल देते हैं। एनएचपीसी अंडरपास की देखरेख करने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। अंडरपास से पानी निकासी के इंतजाम किए जा रहे हैं।

-श्याम ¨सह, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम


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