पीएम 2.5 का स्तर 469 तक पहुंचा
प्रदूषण का जहर पिछले एक पखवाड़े से वातावरण में घुला ही हुआ है। इसे ही देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन आतिशबाजी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे चलाने के आदेश दिए थे, इन सबके बावजूद दिवाली की रात जम कर पटाखे चले। अब जब पटाखे चले, तो पर्यावरण को बिगाड़ने से कौन रोक सकता था। इसके दुष्परिणाम अगले दिन यानी बृहस्पतिवार को नजर आए, जब औद्योगिक नगरी का प्रदूषण का स्तर अब तक के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचा।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदूषण का जहर पिछले एक पखवाड़े से वातावरण में घुला ही हुआ है। इसे ही देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन आतिशबाजी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे चलाने के आदेश दिए थे, इन सबके बावजूद दिवाली की रात जम कर पटाखे चले। अब जब पटाखे चले, तो पर्यावरण को बिगाड़ने से कौन रोक सकता था। इसके दुष्परिणाम अगले दिन बृहस्पतिवार को नजर आए, जब औद्योगिक नगरी का प्रदूषण का स्तर अब तक के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचा।
बृहस्पतिवार की सुबह वातावरण में स्मॉग की चादर दिखी, पर दिन में तेज धूप निकलने से मौसम साफ हो गया। इधर शाम होते-होते फिर स्मॉग ने माहौल को अपने आगोश में ले लिया। शाम पांच बजे यह हाल रहा कि बाइपास रोड पर स्ट्रीट लाइट्स जलानी पड़ी और वाहन चालकों को हेड लाइट्स जला कर निकलना पड़ा।
पीएम 2.5 का स्तर 469 तक पहुंचा
दिन में 11 बजे प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 का स्तर 380 रिकार्ड किया गया था। दिन में तीन बजे यह 451 पहुंच गया, चार बजे 455, तो देर शाम सात बजे इसका स्तर 469 तक पहुंच गया। यह अब तक का सर्वोच्च स्तर रिकार्ड किया गया। जबकि पिछले साल दिवाली के अगले दिन यह आंकड़ा 319 था।
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पिछले सालों में दिवाली के दिन पीएम 2.5 का स्तर
वर्ष आंकड़ा
2014 380
2015 370
2016 405
2017 319