फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। सूरजकुंड मेला के फूड कोर्ट में आने वाले पर्यटकों को बाजरे व ज्वार की रोटी के साथ बथुआ का साग, बाजरे की खिचड़ी के साथ कढ़ी खूब पसंद आ रही है। विभिन्न शहरों से आए लोग लार्ड कृष्णा फाउंडेशन के स्टाल से बाजरे के लड्डू, बिस्किट, पकौड़े और नमकीन की भी खरीदारी कर रहे हैं। यहां मक्खनी साग के साथ बाजरे का परांठा भी परोसा जा रहा है।

मोटा अनाज का सेवन करने वाले लोग इसकी पौष्टिकता की सराहना कर रहे हैं। खाने के साथ ही कुछ चीजें घर पैक करके ले जा रहे हैं। यहां रेवाड़ी तथा महेंद्रगढ़ के अलग-अलग गांव की महिलाएं मिट्टी के बर्तन में अलग-अलग व्यंजन पका रही हैं।

बाजरे की रबड़ी और पिज्जा भी

यहां बाजरे की रबड़ी और पिज्जा भी है।-रबड़ी, 50 रुपये गिलास।-देसी घी से बने बाजरे के लड्डू, 400 रुपये किलोग्राम-चूरमा, 50 रुपये प्लेट-पिज्जा 100 रुपये-बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी, 100 रुपये प्लेट।

पोषक तत्वों से भरपूर है खाना

ग्रीनवैली, गुरुकुल इंद्रप्रस्थ क्षेत्र निवासी दीप्ति मिश्रा कहती हैं कि वह अपने घर में भी कई बार बाजरे की रोटी खाती हैं। मेले में आकर भी उन्होंने बाजरे की खिचड़ी और कड़ी का सेवन किया है।बाजरे के बिस्किट की खरीदारी की है। मोटे अनाज से बनी रोटी तथा बिस्किट पोष्क से भरपूर हैं।

घर के लिए खरीदे हैं बाजरे के लड्डू

लाजपत नगर, दिल्ली निवासी वंदना कहती हैं कि उन्होंने यहां बाजरे की रोटी खाई है। घर के लिए लड्डू और बिस्किट, नमकीन खरीदी है। मोटा अनाज खाना बेहद उपयोगी है।

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ग्रामीण महिलाएं परोस रहीं प्लेट

लार्ड कृष्णा एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष रतिराम कहते हैं कि फूड कोर्ट में मोटे अनाज से व्यंजन बनाने का स्टाल नंबर एफ तीन है। यहां ग्रामीण महिलाएं घर जैसे वातावरण में व्यंजन पका रही हैं और परोस रही हैं।

Edited By: Geetarjun