School Reopen Guideline: लाॅकडाउन के बाद खुलेंगे स्कूल, SOP का बच्चों सहित स्कूलों को करना होगा पालन
School Reopen Guideline सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही गुरुग्राम फरीदाबाद सोनीपत महेंद्रगढ़ नूंह रेवाड़ी में स्कूल खुल जाएंगे। इस दौरान कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
फरीदाबाद, ऑनलाइन डेस्क। School Reopen Guideline: हरियाणा में एक जून से सरकार ने स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, महेंद्रगढ़, नूंह, रेवाड़ी में स्कूल खुल जाएंगे। इस दौरान कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। वहीं स्कूलों को भी इस जंग में कुछ नियमों का पालन करना होगा। वहीं सरकार ने स्कूलों के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) भी जारी किए हैं। इन नियमों का पालन बच्चों के साथ सभी शिक्षकों एवं नॉन टीचिंग स्टॉफ को करना होगा।
इन प्वाइंट से समझें एएसओपी
स्कूल को करना होगा सैनिटाइज
स्कूलों को खुलने से पहले पूरी तरह सैनिाटाइज करना होगा। ताकि किसी भी प्रकार का कोरोना संक्रमण का खतरा किसी बच्चे पर ना हो। वहीं जो स्कूल अगर पालियों में चल रहे हैं वह हर पाली के बाद सैनिाटाइज करेंगे ताकि कोरोना संक्रमण ना हो।
किसी छात्र को खासी बुखार पर तुरंत उपचार मिले
अगर किसी छात्र-छात्रा को बुखार या खासी की शिकायत दिख रही है तो उसे तुरंत उपचार देना है। सबसे पहले उसे आइसोलेट करना है जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद घर भेजना है ताकि वह अपना कोरोना के लक्षण हैं तो उसका टेस्ट करा सके। किसी बच्चे में लक्षण हैं तो उसे शारीरिक दूरी का खयाल रखते हुए प्रशासन को तत्काल सूचना देनी है। इसके साथ ही हर स्कूल को अपने यहां के बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य तौर पर लेनी है।
एक कक्षा की छुट्टी से दूसरे कक्षा का समय हो अलग
एसओपी में यह कहा गया है कि बच्चों को आमतौर पर छुट्टी के वक्त एक साथ निकलने दिया जाता है उसी तरह अब नहीं जाने दिया जाए। हर कक्षा में प्रवेश का समय अलग होगा वहीं छुट्टी भी अलग -अलग समय पर होगी। वहीं ज्यादा बच्चों की संख्या अगर किसी खास सेक्शन में है तो उसे दो पालियों में चलाने का निर्देश है।
परमिशन के साथ होगी इंट्री
किसी भी बच्चे का उनके माता पिता के परमिशन के बिना नहीं बुलाया जाएगा। हर अभिभाव को यह लिखित सहमति पत्र देना होगा कि वह चाहते हैं बच्चा स्कूल जाए तभी बच्चे को स्कूल बुलाना है। अगर किसी के परेंट्स को कोरोना के कारण नहीं भेजने की इच्छा है तो उसके साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती है।