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Positive India: हरियाणा के अरोड़ा परिवार के 6 सदस्यों ने कैसे दी कोरोना को मात, पढ़िए- पूरी स्टोरी

Positive India एनआइटी पांच के ब्लॉक एल में रहने वाले अरोड़ा परिवार के सभी सदस्य कोरोना के संक्रमण को हराने में सफल रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 01:51 PM (IST)
Positive India: हरियाणा के अरोड़ा परिवार के 6 सदस्यों ने कैसे दी कोरोना को मात, पढ़िए- पूरी स्टोरी

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, पर कोरोना को मात देने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अब तक कुल 2795 संक्रमितों में से 46 फीसद से अधिक मरीज ठीक हाे चुके हैं। यह लोग अपनी मजबूत इच्छा शक्ति वजह से ही कोरोना संक्रमण को पटखनी देकर आगे बढ़ रहे हैं। एनआइटी पांच के ब्लॉक एल में रहने वाले अरोड़ा परिवार के सभी सदस्य कोरोना के संक्रमण को हराने में सफल रहे हैं। परिवार के सभी छह सदस्य पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और सोमवार से सामान्य जीवन में लौट जाएंगे।

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इस परिवार के सदस्य दीपक अरोड़ा ने बताया कि सबसे पहले उनकी मां रीता अरोड़ा (58) को बार-बार बुखार आ रहा था। इसके चलते फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर की सलाह पर कोराेना जांच कराई थी और नौ जून को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मां को स्टंट भी लगे हैं और मधुमेह की मरीज होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद पूरे परिवार ने कोरोना जांच कराई थी। इसमें दीपक के अलावा उनके पिता ओमप्रकाश, पत्नी अंजू, पुत्र साहिल और बेटी अनुष्का शामिल थी। सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं थे। इसके चलते डॉक्टर की सलाह पर सभी को होम आइसोलशन में रखा गया। घर में तीन कमरे हैं। इसके चलते एक कमरे में दो लोग आइसोलेट थे और स्वास्थ्य विभाग ने सभी को 22 जून को स्वस्थ घोषित कर दिया है। उनकी मां रीता भी डिस्चार्ज होकर घर आ गई हैं। अब आने वाले सोमवार से दैनिक दिनचर्या में शामिल हो जाएंगे।

एक बार धक्का सा लगा था

दीपक अरोड़ा ने बताया कि पूरे परिवार में कोरोना की पुष्टि होने के बाद एक बार धक्का सा लगा था और मायूसी भी हुई थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि घर का बड़ा बेटा होने के चलते पूरा परिवार उन पर निर्भर है। हिम्मत जुटाई और परिवार के प्रत्येक सदस्य को कोरोना के संक्रमण से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। अलग-अलग कमरे में रहने के बावजूद कभी भी एक-दूसरे को कोरोना के बारे में सोचने का मौका नहीं दिया। सभी से दिन में कई बार वॉट्सएप वीडियो कॉल के जरिए बात किया करते थे, ताकि सभी की हाल के बारे में जानकारी मिलती रहे।

रिश्तेदारों ने भी की मदद

दीपक अरोड़ा की पत्नी अंजू के अनुसार विपत्ति के समय में ही अपनों के महत्व का पता चलता है। इस विपत्ति की घड़ी में उनके मायके वालों ने बहुत मदद की। सभी के संक्रमित होने की वजह से कोई खाना नहीं बना सकता था। ऐसे में मायके से कुछ दिनों तक घर पर खाना पहुंचाया। वह मुख्यद्वार पर खाना कर फोन कर देते थे और परिवार का कोई एक सदस्य नीचे जाकर खाना ले आता था। कुछ दिन पर हाथाें को सैनिटाइज करके खाना बनाना शुरू कर दिया। अब हम बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी एक दूसरे के संपर्क में आने बचने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते अभी भी सभी में आइसोलेट किया हुआ है।

तीन बार काढ़ा पीना, योग और व्यायाम

दीपक ने बताया कि दैनिक कार्य करने के बाद दिन में तीन बार काढ़ा, दवाएं, योग एवं व्यायाम किया करते थे।

संक्रमण को गंभीरता से लेने की जरूरत

दीपक ने कोरोना के संक्रमण को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमसे सक्षम देश कोरोना के संक्रमण को रोकने में नाकामयाब रहे हैं। सभी से अपील है कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें। घर से निकलने से पूर्व मुंह पर मास्क लगाएं और नहाने के बाद भी ही घर के सदस्यों के बीच शामिल हो। इसके अलावा एक से डेढ़ घंटे बाद हाथों को साबुन से धोएं। कुछ समय के लिए बाहर के वस्तुओं को खाना छोड़ दें। पौष्टिक चीजों को अधिक से अधिक खाएं।


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