युवक के प्राइवेट पार्ट में इंजेक्शन के जरिये डाला पेट्रोल, हरियाणा पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
पुलिस ने उसके मलद्वार में इंजेक्शन के जरिए पेट्रोल डाल दिया। पुलिस ने उसे नशीले पदार्थ बेचने का आरोप लगाकर हिरासत में लिया था।
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। क्राइम ब्रांच बीपीटीपी सेक्टर-75 पुलिस पर एक युवक को अवैध हिरासत में लेकर अमानवीय व्यवहार करते हुए थर्ड डिग्री टार्चर करने का आरोप लगा है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने उसके मलद्वार में इंजेक्शन के जरिए पेट्रोल डाल दिया। पुलिस ने उसे नशीले पदार्थ बेचने का आरोप लगाकर हिरासत में लिया था। फिर छोड़ने की एवज में उसकी पत्नी को फोन करके 50 हजार रुपये की मांग की। उसकी पत्नी ने अदालत से युवक के सर्च वारंट कराए, तब क्राइम ब्रांच ने उसे छोड़ा। अब युवक ने सीएम ¨वडो, डीजीपी और पुलिस आयुक्त को इस संबंध में शिकायत दी है। हालांकि अभी उसकी शिकायत पर पुलिस प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया है।
पीड़ित युवक सेक्टर-62 स्थित आशियाना फ्लैट में रहता है। उसने शिकायत में कहा है कि करीब एक साल पहले वह दिल्ली में नशीला पदार्थ बेचने के आरोप में पकड़ा गया था। इसके बाद से उसने यह काम छोड़ दिया था। आरोप है कि पुलिसकर्मी उसे अभी भी परेशान करते हैं। अब 11 नवंबर को बीपीटीपी क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी उसे घर से उठाकर ले गए। उन्होंने उसे क्राइम ब्रांच में ले जाकर बेरहमी से पीटा।
शिकायत के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने उसकी पत्नी को फोन करके 50 हजार रुपये की मांग की। उसकी पत्नी ने इतने रुपये ना होने की बात कही तो पुलिसकर्मियों ने उसे और अधिक प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। आरोप है कि इंजेक्शन से उसके मलद्वार में पेट्रोल डाल दिया।
पीड़ित युवक का कहना है कि उसे ऐसी प्रताड़ना भी दी गई, जिनको वह सार्वजनिक रूप से बयां नहीं कर सकता। उसकी पत्नी ने अदालत में उसे सर्च करने की अर्जी लगाई। अदालत द्वारा सर्च वारंट क्राइम ब्रांच सेक्टर-75 पहुंचा, तब 13 नवंबर को उसे छोड़ा गया। छोड़ते वक्त भी युवक को कहीं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
युवक ने बताया कि वहां छूटने के बाद उसने बादशाह खान अस्पताल में अपना मेडिकल कराया, जिसमें डॉक्टरों ने उसे पीटे जाने की पुष्टि की। वहीं डॉक्टरों ने पुलिस के बिना मलद्वार का मेडिकल करने से इन्कार कर दिया, तब उसने निजी अस्पताल से मेडिकल कराया।
केके राव [पुलिस आयुक्त] के मुताबिक, यह पूरा मामला कुछ और भी हो सकता है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकती है। अभी मेरे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो जांच कराई जाएगी। यदि क्राइम ब्रांच या पुलिस टीम का कोई सदस्य दोषी मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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