शाहिद की जुबानी जानिए कैसे एक भूल से दिल्ली एयरपोर्ट पर 20 घंटे तक मचा रहा हड़कंप
शाहिद कहते हैं कि वह स्वयं ही बैग की तलाश में एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वह ईमानदारी और सच्चाई की राह पर थे इसीलिए उन्हें कोई भय नहीं था।
नई दिल्ली/फरीदाबाद [सुभाष डागर]। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर बृहस्पतिवार की रात मिले लावारिस ट्रॉली बैग ने दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों को परेशान किए रखा, पर जब बैग में किसी तरह की विस्फोटक सामग्री की बजाय चाकलेट्स और ड्राईफ्रूट्स मिले, साथ ही बैग के मालिक का भी पता चल गया, तो सभी की जान में जान आई। बैग मालिक शाहिद से इस दौरान साढ़े पांच घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई।
शाहिद बल्लभगढ़ के गांव खंदावली के निवासी हैं और पियाला गांव स्थित एक कंपनी में कार्यरत हैं। शाहिद कहते हैं कि वह स्वयं ही बैग की तलाश में एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वह ईमानदारी और सच्चाई की राह पर थे, इसीलिए उन्हें कोई भय नहीं था।
शाहिद खान से एयरपोर्ट के पीछे थाने में दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम 7.30 बजे से लेकर रात एक बजे तक कड़ी पूछताछ की थी। शाहिद के अनुसार 31 अक्टूबर की रात को जब वे स्पाइस जेट एयरवेज की फ्लाइट से एयरपोर्ट पर उतरे, तो उनके चारों के मोबाइल फोन बंद थे। एयरपोर्ट से बाहर निकल कर कैब के लिए मोबाइल फोन ऑन किए। कुछ ही देर में कैब आ गई और वे भीड़ होने के कारण कार में बैठने के लिए दौड़े। इस दौरान उनका ट्रॉली बैग रह गया। घर पहुंचकर खाना खाने के बाद जब बैग ढूंढ़ा तो नहीं मिला। फिर बैग के बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी को मेल किया।
शुक्रवार सुबह एयरपोर्ट पहुंचे और बाद में पालम थाने में बैग की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए चले गए। जब वह थाने पहुंचे तो पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने रात के एक बजे तक पूछताछ की। इस दौरान सभी अधिकारियों ने सलीके से उनसे उनकी रिहायश, परिवार के सदस्यों, दोस्तों और कामकाज के बारे में और बाहर जाने के उद्देश्यों के बाबत सवाल पूछे। फिर रात एक बजे के बाद पुलिस ने अपनी गाड़ी से धौलाकुआं के पास ले जाकर छोड़ दिया।
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