Faridabad Crime News: बैंक के सामने से 71 लाख उड़ाने के मामले में खाली हैं हाथ
लंदन वाली गर्लफ्रेंड समझकर दिल्ली-एनसीआर के कई युवा और अधेड़ जिससे फेसबुपर प्यार कर बैठे वो नाइजीरिया का विलियम माइकल निकला।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। बीके-हार्डवेयर रोड पर बैंक ऑफ इंडिया के बाहर कैश वैन से 71 लाख रुपये उड़ाने के मामले में छह महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। शुरुआत में मामले की जांच के दौरान पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले तमिलनाडू के एक ठक-ठक गिरोह की पहचान करने का दावा किया था।
मार्च के आखिरी सप्ताह में पुलिस की एक टीम तमिलनाडू के लिए रवाना भी हुई मगर आधे रास्ते से वापस लौट आई। इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश व्यापी लॉकडाउन की घोषणा हो गई और इस मामले की फाइल पर धूल जम गई। अब सबकुछ धीरे-धीरे ढर्रे पर लौट रहा है, मगर इस मामले की फाइल दबी हुई है।
इस तरह पुलिस पहुंची थी नतीजे पर
कैश वैन के चालक व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि बदमाश साउथ इंडियन लग रहे थे। ¨हदी ठीक से नहीं बोल पा रहे थे। इस पर पुलिस ने तमिलनाडु के ठक-ठक गिरोह पर अपनी जांच फोकस की और इस नतीजे पर पहुंची। तमिलनाडू का यह गिरोह पूरे देश में वारदात को अंजाम दे चुका है। ज्यादातर कैश वैन ही इसके निशाने पर रहती हैं।
क्या है मामला
16 मार्च को कैश वैन दोपहर 12.40 बजे बीके-हार्डवेयर रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में नकदी डालने पहुंची थी। उसमें दो कैश हैंडलर अनिरुद्ध और दीपक, गनमैन धर्मवीर और चालक मुकेश मौजूद थे। वैन बैंक के बाहर खड़ी कर अनिरुद्ध और दीपक बैंक प्रबंधक से एटीएम में कैश डालने के फॉर्म पर हस्ताक्षर कराने चले गए। तभी एक युवक ने आकर गनमैन से कहा कि उसे बैंक में अंदर बुलाया है। गनमैन बैंक में चला गया। इसके बाद चालक का ध्यान वैन के पास दस-दस के बिखरे नोटों की तरफ दिलाया। चालक वैन से उतरकर नोट उठाने लगा। मौका देखकर बदमाशों ने वैन का दरवाजा खोलकर रुपयों से भरा बक्सा उठाया और लेकर चंपत हो गए।
एसीपी धारणा यादव ने बताया कि इस मामले पर हमारी टीमें लगातार काम कर रही हैं। शुरुआत में टीमों को काफी अहम जानकारियां मिली थीं। इसके बाद लॉकडाउन के कारण छापेमारी नहीं हो पाई। अब टीमें नई ऊर्जा के साथ इस मामले की जांच में जुटेंगी।