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कांग्रेस विधायक की पहल का डीजीपी ने की तारीफ, बचेंगे एक लाख हर महीने Faridabad News

नीरज शर्मा ने राज्य के गृहमंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर अपने दोनों सुरक्षाकर्मी स्वेच्छा से वापस करने संबंधी पत्र लिखा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 02:41 PM (IST)
कांग्रेस विधायक की पहल का डीजीपी ने की तारीफ, बचेंगे एक लाख हर महीने Faridabad News
कांग्रेस विधायक की पहल का डीजीपी ने की तारीफ, बचेंगे एक लाख हर महीने Faridabad News

नई दिल्ली/फरीदाबाद, जेएनएन। सभी दलों से चुने हुए प्रतिनिधियों सहित सत्तारूढ़ दल के नेताओं के लिए सरकारी सुरक्षाकर्मी (गनमैन) रखना प्रतिष्ठा का प्रतीक (स्टेटस सिंबल) बन गया है। गाड़ी से लालबत्ती हटाए जाने के बाद तो शायद ही कोई चुना हुआ प्रतिनिधि सुरक्षाकर्मी के बगैर सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेता हो। मगर एनआइटी फरीदाबाद से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा ने राज्य सरकार को अपने दोनों सुरक्षाकर्मी वापस कर दिए हैं।

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नीरज शर्मा ने राज्य के गृहमंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर अपने दोनों सुरक्षाकर्मी स्वेच्छा से वापस करने संबंधी पत्र लिखा। इस पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने पुलिस महानिदेशक मनोज यादव को भी भेजी।

पुलिस महानिदेशक ने की विधायक की तारीफ

पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कांग्रेस विधायक की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से दोनों सुरक्षाकर्मी वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही नीरज शर्मा के निवास के संबंधित थाना सारन में आदेश प्रेषित किए हैं कि जब भी विधायक को किसी जरूरी काम से सुरक्षा चाहिए, तब उन्हें उपलब्ध करा दी जाए।

एक विधायक की सुरक्षा पर खर्च होता है करीब एक लाख रूपये

नीरज शर्मा ने दैनिक जागरण को बताया कि एक सुरक्षाकर्मी पर करीब 50 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च आता है। एक विधायक को दो सुरक्षाकर्मी मिले हुए हैं। इस तरह एक विधायक की सुरक्षा पर एक लाख रुपये प्रति माह खर्च होता है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विधायकों के लिए सुरक्षा के नाम पर मिलने वाले सुरक्षाकर्मी को अपने साथ रखने में भी मुसीबत ङोलनी पड़ती है। जबकि कुछ विधायकों को छोड़कर ज्यादातर को सुरक्षाकर्मियों की जरूरत भी नहीं पड़ती। इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से दोनों सुरक्षाकर्मी वापस लौटाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक का यह निर्णय भी बेहतर है कि मैं जरूरत पड़ने पर अपने संबंधित पुलिस थाना से सुरक्षाकर्मी कभी भी ले सकता हूं। करीब 20 वर्ष पहले विधायकों के लिए सुरक्षाकर्मी लेने की यही व्यवस्था हुआ करती थी।


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