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Candy Baba: बदमाश और बाबा की मुलाकात ने क्या गुल खिलाए, पढ़िए- होश उड़ा देने वाली स्टोरी

Candy Babaराजेश उर्फ कैंडी बाबा जीविकोपार्जन के लिए कभी बच्चों को वीडियो गेम खिलाता था। पैसा कमाने की चाहत में उसने ऐसे दांव-पेंच सीख लिए कि ठगी का माहिर खिलाड़ी बन बैठा।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 02:42 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 02:54 PM (IST)
Candy Baba: बदमाश और बाबा की मुलाकात ने क्या गुल खिलाए, पढ़िए- होश उड़ा देने वाली स्टोरी
Candy Baba: बदमाश और बाबा की मुलाकात ने क्या गुल खिलाए, पढ़िए- होश उड़ा देने वाली स्टोरी

फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। Candy Baba: हरियाणा प्रदेश का कुख्यात ठग राजेश उर्फ कैंडी बाबा जीविकोपार्जन के लिए कभी बच्चों को वीडियो गेम खिलाता था। पैसा कमाने की चाहत में उसने ऐसे दांव-पेंच सीख लिए कि ठगी का माहिर खिलाड़ी बन बैठा। साल 2018 तक उसने अच्छे-अच्छों को चक्करघिन्नी बना दिया। अब क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 पुलिस के हत्थे चढ़ा है तो कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही हैं। तीन भाइयों में सबसे छोटा राजेश उर्फ कैंडी बाबा मूलरूप से पानीपत समालखा के मनाना गांव का रहने वाला है।

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उसका पिता एसबीआइ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। पिता की ड्यूटी के कारण पूरा परिवार को पानीपत जाटल रोड आकर बस गया। साल 1992 में राजेश की शादी सीलमपुर दिल्ली में हुई। शुरू में उसने डेक कैसेट का काम किया। इसके बाद पानपीत मॉडल टाउन बोसाराम चौक पर केबल नेटवर्क का काम शुरू किया, उसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली। उसका जीजा पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर था। उसने राजेश को 1996-97 में अंबाला बुला लिया। वहां बच्चों को वीडियो गेम खिलाने की दुकान खुलवा दी, वह भी नहीं चल पाई। इसी दौरान सोनीपत आठ मरला में झाड़-फूंक करने वाले चन्ना राम भगत से संपर्क हुआ। उससे झाड़-फूंक सीख ली। फिर अंबाला में 600 रुपये में महीने में दोमंजिला इमारत किराए पर लेकर झाड़-फूंक का काम शुरू कर दिया। करीब तीन लाख रुपया इकट्ठा हो गया तो अंबाला एयरफोर्स कैंप के पास जमीन खरीद ली और डेरा बना लिया।

कुछ समय बाद पांच लाख रुपये का मुआवजा देकर एयरफाेर्स ने वह जमीन खाली करा ली। कुरुक्षेत्र शरीफगढ़ निवासी दो भाई मां को झाड़-फूंक के लिए राजेश के पास लाते थे। इत्तेफाक से उनकी मां ठीक हो गई थी। दोनों भाइयों ने राजेश को कुरुक्षेत्र के शरीफगढ़ में पांच गज का प्लॉट दिलवा दिया। उस पर राजेश ने साल 2004 में अपना डेरा बना लिया। धीरे-धीरे उसके अनुयायी बढ़ने लगे।

साल 2016 तक वह ठीक-ठाक आश्रम चलाता रहा। वह टॉफी देकर लोगों के इलाज का दावा करता था, इसलिए उसका कैंडी बाबा नाम मशहूर हो गया। साल 2016 में सोनू नाम का एक बदमाश उसके संपर्क में आया, जिसने सस्ता सोना दिलाने का खेल समझाया।

वहीं से कैंडी बाबा ने सस्ते सोने के झांसे में लोगों को ठगना शुरू किया। वह लोगों को झांसा देकर रुपये ऐंठने लगा। इसके बाद रुपये दोगुने करने, बंद कमरे में पैसों की बरसात सहित तरह-तरह के झांसे देकर साल 2018 तक लोगाें से करीब 100 करोड़ रुपये ठग लिए। जब पोल खुलनी शुरू हुई तो फरार हो गया।


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