Move to Jagran APP

नीरज से बचने के लिए किलेनुमा घर में शिफ्ट हुआ था गगन

मूलरूप से समालखा पानीपत निवासी गगन का अपना मकान सेक्टर-55 में है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:28 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:28 PM (IST)
नीरज से बचने के लिए किलेनुमा 
घर में शिफ्ट हुआ था गगन
नीरज से बचने के लिए किलेनुमा घर में शिफ्ट हुआ था गगन

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : मूलरूप से समालखा पानीपत निवासी गगन का अपना मकान सेक्टर-55 में है। रुपयों के लेन-देन व अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह के चलते बहनोई नीरज ने उन्हें परिवार सहित जान से मारने की धमकी दे रखी थी। उससे बचने के लिए दो महीने पहले गगन गांव मोहब्ताबाद में अपने जानकार उदय पहलवान के घर में किराए पर शिफ्ट हुए थे। चारों तरफ ऊंची चहारदीवारी से घिरा यह मकान किलेनुमा है। यहां आकर परिवार सुरक्षित महसूस कर रहा था। नीरज बेहद शातिर निकला, उसने किलेनुमा मकान में भी घुसकर वारदात कर डाली। 15 दिन पहले की थी रेकी

loksabha election banner

क्राइम ब्रांच के अनुसार नीरज करीब एक महीने से साले गगन, पत्नी आयशा व सास सुमन की हत्या की साजिश रच रहा था। एनआइटी-1 में काज-बटन का काम करने वाले नीरज ने अपने साथी टेलर लेखराज को साजिश में शामिल कर कहीं से दो तमंचों का इंतजाम किया। लेखराज केवल दोस्ती निभाने के लिए उसका साथ देने को तैयार हुआ। आयशा से बातचीत के बहाने वह करीब 15 दिन पहले गांव मोहब्ताबाद में उनके घर गया। इस दौरान उसने घर की रेकी कर ली। आरोपित फोन पर अपने बेटे से भी बातचीत करता था। बातों-बातों में उससे घर की जानकारियां लेता रहता था। बुधवार रात दोनों मोटरसाइकिल पर मोहब्ताबाद पहुंचे और वारदात कर फरार हो गए। बच गईं गगन की पत्नी व बेटा

गगन की पत्नी जया व बेटा भी उनके साथ इसी मकान में रहते हैं। करीब 15 दिन पहले जया बेटे के साथ अपने मायके गई थी। बुधवार को ही गगन उन्हें लेने जाने वाला था, मगर किन्हीं कारणों से रुक गया। पुलिस का कहना है कि अगर गगन बुधवार को पत्नी व बेटे को ले आता तो मंजर और भयानक हो सकता था। दरवाजा कैसे खुला यह रहस्य

जिस मकान में गगन परिवार सहित रहता था, उसमें दरवाजे के अलावा किसी अन्य जगह से व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। ऐसे में पुलिस के सामने यह बड़ा रहस्य है कि दरवाजा कैसे खुला। पुलिस की एक थ्योरी कहती है कि आरोपित नीरज फोन पर अपने बेटे से बातचीत करता था। हो सकता है रात में उसने बेटे को फोन करके बहलाकर दरवाजा खुलवा लिया हो। इस थ्योरी को पुलिस कागजों पर नहीं लेकर आई है। दूसरी थ्योरी के अनुसार दरवाजा गलती से खुला रह गया। फिलहाल पुलिस दूसरी थ्योरी को कागजों में शामिल कर रही है। मुकदमा सुलझाने वाली टीम सम्मानित

यह मामला क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी अनिल कुमार की टीम ने सुलझाया। टीम में शामिल एसआइ ब्रह्मप्रकाश, एसआइ ब्रह्मप्रकाश, एसआइ मुकेश, एचसी आनंद, सिपाही प्रीतम, नसीब और सुरेंद्र को पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने प्रथम श्रेणी प्रशस्ति पत्र व 10 हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया है। टीम ने कुछ घंटे के अंदर ही आरोपितों को धर-दबोचा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.