किसानों को महंगा पड़ रहा धान रोपाई करना
धान रोपाई का काम अब जोरों से चल रहा है। इस बार बाहरी मजदूर न होने की वजह से किसानों को स्थानीय मजदूरों से धान रोपाई का काम कराना पड़ रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार किसानों को एक हजार से लेकर 1300 रुपये तक ज्यादा देने पड़ रहे हैं।
सुभाष डागर, बल्लभगढ़ : धान रोपाई का काम इन दिनों जोरों पर शुरू हो गया है। इस बार बाहरी मजदूर न होने की वजह से किसानों को स्थानीय मजदूरों से धान रोपाई का काम कराना पड़ रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार किसानों को एक हजार से लेकर 1300 रुपये तक ज्यादा देने पड़ रहे हैं। दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को बुलाने के लिए किसान संपर्क कर रहे हैं। कुछ जगह पर दूसरे प्रदेशों के मजदूरों की टुकड़ी पहुंच चुकी है। इन मजदूरों में राजस्थान और बिहार के शामिल हैं।
पिछले वर्ष बाहरी प्रदेशों के मजदूर थे, तो धान रोपाई 2200 रुपये लेकर 3000 रुपये प्रति एकड़ तक की गई थी। इस बार लॉकडाउन के दौरान बाहरी प्रदेशों के मजदूर अपने घरों को लौट गए हैं। अब यहां पर गांवों में रहने वाले मजदूरों को किसान धान रोपाई के लिए बुला रहे हैं। इस बार गांवों के मजदूर अपने रेटों पर धान रोपाई कर रहे हैं। ग्रामीण मजदूर 3200 रुपये से लेकर 4500 रुपये प्रति एकड़ तक अपने-अपने परता के अनुसार धान रोपाई कर रहे हैं। जिससे किसानों को धान रोपाई के दौरान आर्थिक रूप से मोटा नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब की बार बाहरी मजदूरों की जो टीम है, वो 3200 रुपये प्रति एकड़ और स्थानीय मजदूर हमारे गांव में 4500 रुपये प्रति एकड़ धान की रोपाई कर रहे हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले 1000 से 1300 रुपये ज्यादा ले रहे हैं।
-मुकेश यादव, मंझावली हमारे गांव में पिछले वर्ष गांव के मजूदरों ने 2400 रुपये और बाहरी मजदूरों ने 2200 रुपये प्रति एकड़ में धान रोपाई की थी। इस बार बाहरी मजदूर 3200 से 3500 रुपये और गांव मे मजदूर 4000 से 4200 रुपये प्रति एकड़ ले रहे हैं।
-सागर हुड्डा, दयालपुर