अमितोज सिंह पहुंचे केबीसी में, 25 लाख जीत किया गौरवान्वित
औद्योगिक नगरी के सेक्टर-28 निवासी 14 वर्षीय किशोर अमितोज सिंह ने केबीसी में 25 लाख जीतकर परचम लहराया है।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी के सेक्टर-28 निवासी 14 वर्षीय किशोर अमितोज सिंह ने कौन बनेगा करोड़पति में हाट सीट पर पहुंच कर 25 लाख रुपये जीत जिला फरीदाबाद व हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है। खास बात यह है कि अमितोज सिंह के चाचा देवेंद्र सिंह भी 2018 में केबीसी में 6.40 लाख रुपये जीत चुके हैं। देवेंद्र सिंह अपनी रसोई के नाम से जरूरतमंद व गरीब लोगों को मात्र पांच रुपये में भरपेट खाना खिलाने व करीब फाउंडेशन के तहत श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाने जैसे नेक कार्य के लिए भी जाने जाते हैं।
दैनिक जागरण से बातचीत में अमितोज सिंह ने बताया कि उन्हें केबीसी में जाने की प्रेरणा अपने चाचा देवेंद्र सिंह से ही मिली। जब 2018 में उनके चाचा का चयन हुआ था, तो वो भी मुंबई जाना चाहते थे, पर उम्र कम होने के चलते केबीसी के सेट पर जाने की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने तभी यह संकल्प लिया था कि कुछ ऐसा करेंगे कि अब सेट पर नहीं बल्कि हाट सीट पर बैठेंगे। बस उसके बाद से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और इस वर्ष जब केबीसी शुरू हुआ, तो उस पल का इंतजार कर रहे थे, जब स्टूडेंट स्पेशल वीक का नंबर आया। दिल्ली पब्लिक स्कूल के सेक्टर-9 के छात्र अमितोज सिंह के अनुसार उन्होंने शुरू में आनलाइन आडिशन में सही जवाब दिए और फिर मुंबई पहुंच कर आफलाइन टेस्ट में भी केबीसी टीम की अपेक्षाओं पर खरे उतरे और उनका चयन हो गया। चयन होने से पूर्व और बाद में भी अमितोज गुरुद्वारा सीसगंज साहब जाकर वाहेगुरु का शुक्राना करना नहीं भूले।
बुधवार को प्रसारित कड़ी में जब अमितोज सिंह ने तीनों सवालों के सही जवाब और त्वरित गति से दिए, तो हाट सीट पर भी बैठने का मौका पा लिया। जब उनका नाम पुकारा गया, तो अमितोज ने बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयघोष के साथ हाट सीट की ओर कदम बढ़ाए। अमितोज ने अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत के दौरान अपने खानपान, खास कर लच्छा पराठा खाने की बातों पर खूब हंसाया। अमितोज अपने स्कूल के स्पेस क्लब से जुड़े हुए हैं और उनके घर में टेलीस्कोप भी है, जिसके जरिए आकाश में तारे और ग्रहों को नजदीक से देखते रहते हैं। अमितोज ने सेट पर अपने स्वजन को प्लेनेट की तरह नाम भी दिए। पापा गुरविद्र सिंह को उनके गर्म स्वभाव के कारण वीनस, मम्मी सपना कौर को ठंडे स्वभाव के कारण यूरेनस और बहन मनीत कौर को मरकरी के रूप में और स्वयं को जूपिटर की संज्ञा दी।
अमितोज ने कहा कि उन्होंने केबीसी के लिए सामान्य ज्ञान की तैयारी तो खूब की, पर उस अनुरूप प्रश्न नहीं आए, हालांकि शुरू से ही सामान्य ज्ञान में रुचि के कारण सवालों के जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं आई। अमितोज जीते गए 25 लाख रुपये को अपनी उच्च शिक्षा पर खर्च करना चाहते हैं। अमितोज अपनी सफलता का श्रेय दादी सतनाम, दादा मनमोहन सिंह के आशीर्वाद को देते हैं।