कांत एन्क्लेव के सात निर्माण भी ढहाए जाएंगे
कांत एन्क्लेव मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी व कांत एन्क्लेववासियों के वकील और नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। कांत एन्कलेव में 31 मार्च तक तोड़फोड़ से बचने के लिए सात निर्माण मालिकों द्वारा देरी से दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब इन सात निर्माणों को कभी भी तोड़ा जा सकता है। इसलिए निर्माण तुरंत खाली करने होंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यहां निर्माण मालिकों को 31 मार्च तक निर्माण खाली करने के आदेश दि
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कांत एन्क्लेव मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी व कांत एन्क्लेववासियों के वकील और नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। कांत एन्कलेव में 31 मार्च तक तोड़फोड़ से बचने के लिए सात निर्माण मालिकों द्वारा देरी से दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब इन सात निर्माणों को कभी भी तोड़ा जा सकता है। इसलिए निर्माण तुरंत खाली करने होंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यहां निर्माण मालिकों को 31 मार्च तक निर्माण खाली करने के आदेश दिए थे पर लोगों ने कोर्ट से और मोहलत देने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने एक और आदेश दिया कि जिसे 31 जुलाई तक राहत चाहिए वह शपथ पत्र दे। कोर्ट में 24 भवन मालिकों ने 11 फरवरी तक सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र जमा करा दिए थे, जो आखिरी तारीख थी। बाद में 15 मार्च को सात और भवन मालिकों ने शपथ पत्र जमा करा दिया था। सोमवार को इन सात निर्माणों को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने इनके भवन मालिकों को राहत देने से इंकार कर दिया। अब कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मुख्य सचिव के पास जाएगी, इसके बाद वहां से आदेशानुसार कांत में सातों निर्माण जल्द ढहाए जाएंगे। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने कांत बिल्डर द्वारा मुआवजा राशि के 8.25 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा न कराने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने आदेश दिए कि बिल्डर 22 अप्रैल तक मुआवजा राशि जमा कराए और खुद पेश हो। हरियाणा सरकार द्वारा पास किए गए पीएलपीए बिल पर कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए इस पर रोक जारी मानी जाएगी। अगली तारीख 22 अप्रैल को है, इस तारीख को इस बिल पर सुनवाई हो सकती है। वरिष्ठ नगर योजनाकार संजीव मान के अनुसार मुख्य सचिव के आदेश आने के बाद ही तोड़फोड़ की जाएगी। बता दें नगर योजनाकार विभाग 1 अप्रैल को यहां एक फिल्म स्टूडियो सहित 14 निर्माण ढहा चुका है, जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा करा दी गई है।