इंजीनियरिग में बेहतर भविष्य के सपने पिरोने लगे युवा
नेशनल टेस्टिग एंजेसी द्वारा जारी जेईई मेन के परिणाम में 99.96 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त करने वाले तन्मय गुप्ता डीपीएस सेक्टर-19 में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। यदि अप्रैल में होने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं तो वह अपने परिवार से पहले इंजीनियर होंगे।
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : जेईई मेन की परीक्षा में उत्तीर्ण युवाओं के सपने भी बड़े हैं। इन सभी ने कड़ी मेहनत के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है। इन सभी ने पहली बाधा पार की है और अप्रैल में होने वाली परीक्षा के लिए तैयारी में जुटेंगे।
नेशनल टेस्टिग एजेंसी द्वारा जारी जेईई मेन के परिणाम में 99.96 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त करने वाले तन्मय गुप्ता डीपीएस सेक्टर-19 में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। यदि अप्रैल में होने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं, तो वह अपने परिवार से पहले इंजीनियर होंगे। तन्मय ने बताया कि इंजीनियरिग के जरिए बहुत ही मानवीय समस्याओं को समाप्त किया जा सकता है। इसके चलते इंजीनियरिग के क्षेत्र में भविष्य बनाना उचित समझा। इंजीनियरों ने ऐसी मशीनों को बनाया है, जिससे बड़े से बड़े कामों को आसानी से किया जा सकता है। उनके पिता संजय गुप्ता एक फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। जेईई मेन की परीक्षा पास करने के लिए रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की तैयारी आइआइटी प्रवेश परीक्षा के साथ ही करता हूं। इसके लिए उन्होंने सेक्टर-15ए स्थित निजी शिक्षण संस्थान से आइआइटी की कोचिग कर रहा है। परिवार की तीसरी पीढ़ी इंजीनियर बनने की ओर अग्रसर
जेईई मेन की परीक्षा में 99.90 पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले ध्रुव सिंह एमवीएन स्कूल सेक्टर-17 में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। ध्रुव अपने दादा सुमन सिंह और पिता प्रवीन सिंह की तरह की सफल इंजीनियर बनना चाहते हैं। यदि वह अप्रैल में होने वाली मेन की परीक्षा में उत्तीर्ण करते हैं, तो वह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के इंजीनियर होंगे।
ध्रुव सिंह ने बताया कि पिता अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। इसके चलते वह अपने दादा सुमन सिंह से आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए मार्गदर्शन लेते हैं। इसके अलावा विज्ञान से लगाव भी था और इनोवेटिव आइडिया बहुत पसंद है। स्कूल के अलावा एक निजी शिक्षण संस्थान के अलावा सेल्फ स्टडी के जरिए इंजीनियरिग की तैयारी कर रहे हैं। वैज्ञानिक बनना चाहते हैं करमन ज्योत सिंह
एमवीएन स्कूल सेक्टर-17 के छात्र करमन ज्योत सिंह ने बताया कि उनके पिता इंजीनियर हैं और कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने अपना व्यापार शुरू किया। इसके अलावा परिवार में कई लोगों ने इंजीनियरिग की और कुछ समय में बाद रिसर्च वर्क में जुट गए। करमन भी उनकी तरह इंजीनियरिग करके रिसर्च करना चाहता हैं। करमन को गणित और विज्ञान विषय से शुरू से ही काफी लगाव था। इसके चलते इंजीनियरिग के क्षेत्र में ही भविष्य बनाने की सोची। करमन ज्योत ने जेईई मेन में 99.93 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि आइआइटी और बोर्ड की परीक्षाओं का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी से होता है। इसके चलते अलग से कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती है।