अस्पताल की खामियों ने भी दिया परिजनों को दर्द
पिता हेमंत कुमार ने बताया कि अ¨रदम उनका इकलौता बेटा था। वह शुरू से ही काफी होनहार था। उसने कोलकाता से एमटेक व एमबीए किया। इसके बाद कई बड़ी कंपनियों में काम किया। साल 2011 से वे टाटा स्टील प्रोसे¨सग एंड डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीएसपीडीएल) के साथ जुड़े। अपनी काबिलियत के बूते वे थोड़े ही समय में ही प्रमोशन लेकर सीनियर मैनेजर के पद पर पहुंच गए। मधुश्री से उनकी साल 2013 में शादी हुई। उनकी तीन साल की एक बेटी है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बेटे व पति की मौत से गमजदा हेमंत कुमार और मधुश्री को अस्पताल की खामियों ने भी दर्द दिया। गोली से मौत मामले में शव का एक्सरे कराया जाता है ताकि पता चल सके कि शरीर में कितनी गोली फंसी हैं। गोलियों को पोस्टमॉर्टम के दौरान बाहर निकाला जाता है। अदालत में यह अहम सबूत बनती हैं। सुबह पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू हुई तो पता चला कि अस्पताल में एक्सरे मशीन खराब है। इसके बाद शव एक्सरे के लिए बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल भेजा गया। वहां एक्सरे में पता चला कि अ¨रदम के शरीर में एक गोली है। वहां से शव वापस बादशाह खान अस्पताल लाया गया।
पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ तो एक्सरे में जहां गोली दिखाई गई थी, वहां गोली मिली ही नहीं। दूसरी जगह से दो गोलियां निकलीं। पोस्टमॉर्टम आधा रोककर शव फिर एक्सरे के लिए बल्लभगढ़ भेजा गया। वहां फिर एक्सरे हुआ और शव वापस बादशाह खान अस्पताल लाया गया और पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद परिजन देर शाम तक शव को फ्लाइट से कोलकाता ले जाने की प्रक्रिया में उलझे रहे। होनहार बेटा था अ¨रदम पाल :
पिता हेमंत कुमार ने बताया कि अ¨रदम उनका इकलौता बेटा था। वह शुरू से ही काफी होनहार था। उसने कोलकाता से एमटेक व एमबीए किया। इसके बाद कई बड़ी कंपनियों में काम किया। साल 2011 से वे टाटा स्टील प्रोसे¨सग एंड डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीएसपीडीएल) के साथ जुड़े। अपनी काबिलियत के बूते वे थोड़े ही समय में ही प्रमोशन लेकर सीनियर मैनेजर के पद पर पहुंच गए। मधुश्री से उनकी साल 2013 में शादी हुई। उनकी तीन साल की एक बेटी है।