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सात साल में मिली कई सौगात तो कई काम होना बाकी

प्रदेश में मनोहर लाल सरकार के सात साल के दौरान औद्योगिक नगरी में खूब काम हुए तो कुछ अधूरे भी पड़े हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:07 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:07 PM (IST)
सात साल में मिली कई सौगात तो कई काम होना बाकी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदेश में मनोहर लाल सरकार के सात साल के दौरान औद्योगिक जिले को कई सौगात मिली हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन अतिरिक्त पुल बनने और आगरा-गुरुग्राम नहर पर पुलों का जाल बिछाया गया। इससे वाहन चालकों की राह आसान हुई। मेडिकल कालेज शुरू होने, इंडोर स्टेडियम व एस्ट्रोटर्फ मैदान मिलना बड़ी सौगात हैं। इधर बड़खल झील के गुलजार होने से लेकर मुजेसर अंडरपास, बल्लभगढ़-सोहना फ्लाईओवर चार लेन, बल्लभगढ़ सभागार, नाहर सिंह स्टेडियम का काम पूरा होने का इंतजार किया जा रहा है। मील का पत्थर वाली सौगात

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बदरपुर से बल्लभगढ़ तक मिली मेट्रो सेवा

सितंबर 2015 में बदरपुर बार्डर से वाईएमसीए तक मेट्रो शुरू हुई। इस पर करीब 2500 करोड़ रुपये लागत आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया। वर्ष 2019 में इसका विस्तार बल्लभगढ़ तक किया गया। अब मेट्रो से हजारों लोगों का दिल्ली से आवागमन बेहद सुगम हो गया है। जिले को मिला पासपोर्ट सुविधा केंद्र

करीब चार साल पहले तक यहां के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए दिल्ली जाकर धक्के खाने पड़ते थे, लेकिन 2017 में जिले को पासपोर्ट केंद्र की बड़ी सौगात मिली। नेहरू ग्राउंड में स्थित मुख्य डाकघर में पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू किया गया। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आसानी से पासपोर्ट बन जाता है। सेक्टर-31 को मिला टाउन पार्क

सेक्टर-28, 29, 30, 31 और आस-पास के क्षेत्र के हजारों लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सेक्टर-31 में लगभग 10 एकड़ जमीन पर टाउन पार्क विकसित किया है। लगभग पांच करोड़ रुपये में तैयार हुए इस पार्क में तमाम सुविधाएं हैं। यहीं पर इंडोर खेल परिसर का भी निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। राज्य खेल परिसर में एस्ट्रोटर्फ मैदान

राष्ट्रीय खेल हाकी की प्रतिभाएं निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप एस्ट्रोटर्फ की सतह वाला मैदान राज्य खेल परिसर सेक्टर-12 में स्थापित हुआ। साढ़े सात करोड़ रुपये की लागत से बने एस्ट्रोटर्फ मैदान से खिलाड़ियों की प्रतिभा निखर रही है। कालेज की मिली सौगात

सात साल के दौरान जिले में विभिन्न कालेज की भी सौगात मिली। नचौली, मोहना में कालेज बन चुके हैं जबकि दयालपुर और अरुआ में नर्सिंग कालेज का निर्माण चल रहा है। इन पर करीब 50 करोड़ से अधिक लागत आई है। सेक्टर-2 में सरकारी कालेज का निर्माण दिसंबर में पूरा हो जाएगा। अटल बिहारी मेडिकल कालेज शुरू

सरकार ने मेडिकल के छात्रों के भविष्य को देखते हुए व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से छांयसा स्थित गोल्ड फील्ड मेडिकल कालेज को 140 करोड़ रुपये में टेकओवर किया और लगभग 27.175 एकड़ जमीन पर बने 500 बेड वाले श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज के नाम से जिलेवासियों को समर्पित किया। कालेज का सदुपयोग कोरोना की दूसरी लहर में भी किया गया था। शिक्षा पर दिया ध्यान

सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया। इसके तहत जिले के 85 प्राथमिक और पांच सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को माडल संस्कृति योजना से जोड़ा गया। जिन्हें सीबीएसई से मान्यता दिलाई गई। इसी सत्र में इन स्कूलों में बच्चों के दाखिले शुरू हुए हैं। अब सरकारी स्कूलों में भी शुरू से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हो सकेगी। ये हैं गति अवरोधक

-मंझावली पुल : इस पुल की आधारशिला 2014 में रखी गई थी, लेकिन अभी पूरा नहीं हो सका है। अब इसके फरवरी में पूरा होने की बात कही जा रही है।

-बड़खल झील : जून 2015 में मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद झील अभी तक गुलजार नहीं हो सकी।

-मुजेसर रेलवे अंडरपास: अप्रैल 2017 में मुख्यमंत्री ने इस अंडरपास को बनाने की घोषणा की थी।

-बल्लभगढ़-सोहना फ्लाईओवर: फरवरी 2016 में मुख्यमंत्री ने चार लेन करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ।

-बल्लभगढ़ नगर निगम सभागार: इसका निर्माण मई 2015 से चल रहा है, इसकी लागत 15 करोड़ रुपये आंकी गई है।

-फरीदाबाद-गुरुग्राम मेट्रो: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2015 में परियोजना की घोषणा की थी, इसकी लागत करीब 6900 करोड़ आएगी

-राजा नाहर सिंह स्टेडियम : नवनिर्माण की घोषणा जून-2015 में बड़खल रैली में मुख्यमंत्री ने की थी। ढाई साल पहले इसका निर्माण शुरू हुआ था और एक साल में बन कर तैयार होना था, पर अब तक इसका 60 फीसद ही काम हुआ है।

जन प्रतिनिधियों का अगले एक वर्ष का एजेंडा

मनोहर सरकार में तेजी से और बिना किसी भेदभाव के कार्य हो रहे हैं। अगले वर्ष में शहर को साफ-सुंदर और पौधे लगा कर हरा-भरा बनाना लक्ष्य है। अधूरे विकास कार्यों को पूरा करना है।

-मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री विधायक बल्लभगढ़ बड़खल झील के दो चरण पूरे होने के बाद अप्रैल में तीसरा शुरू करना मुख्य लक्ष्य है। अमृत-दो योजना के तहत गांव में सीवरेज, सीबीएसई बोर्ड के तहत सरकारी स्कूलों को बनाना, अधूरे पड़े विकास कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

-सीमा त्रिखा, विधायक बड़खल विधानसभा मेरा एजेंडा जल संरक्षण के लिए गांव सिही और बुढैना में पानी के दो तालाब बनवाना है। ये योजना मंजूर हो चुकी है। बारिश के पानी निकासी की व्यवस्था करना और टूटी सड़कों को बनाना प्राथमिकता है।

-नरेंद्र गुप्ता, विधायक फरीदाबाद विधानसभा ग्रेटर फरीदाबाद में 20-25 मंजिल तक फ्लैट बने हुए हैं। आग बुझाने के लिए हाइड़्रोलिक मशीन उपलब्ध कराना, टाउन पार्क बनवाना, स्टेडियम बनवाना, सेंटर स्कूल खुलवाना शामिल है।

-राजेश नागर, विधायक तिगांव आगामी वर्ष में श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज छांयसा में रिक्त पदों को भरवा कर 100 बिस्तरों का अस्पताल शुरू कराना प्राथमिकता है। टूटी हुई सभी सड़कों बनवाना और जिनका निर्माण चल रहा है, उन्हें पूरा कराना है।

-नयनपाल रावत, विधायक पृथला क्षेत्र भाजपा के शासनकाल में कोई भी कार्य समयबद्ध नहीं हो रहा है। सरकार में मुख्यमंत्री की घोषणा को वचन पत्र समझा जाता है। मुख्यमंत्री की घोषणा ही पूरी नहीं हो रही हैं। जिले में कहीं से भी बिना जजिया कर(टोल) दिए घुस नहीं सकते। यही सरकार की सात साल की उपलब्धि है।

-नीरज शर्मा, विधायक, एनआइटी कांग्रेस सात वर्ष से सरकार की स्मार्ट सिटी की योजना पर फरीदाबाद में कुछ नहीं हुआ। सभी सड़कें टूटी हुई हैं। किसानों का बाजरा, धान समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जा रहा। कोरोना से सरकार ने सबक नहीं लिया। अब डेंगू से पूरा जिला जूझ रहा है।

-देवेंद्र सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष इनेलो


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