जीआरपी ने बच्ची को परिजन को सौंपा
बच्ची को ट्रेन की खिड़की से अनारक्षित डिब्बे में चढ़ा दिया था, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण वह तीनों ट्रेन में नहीं चढ़ पाई। इस दौरान ट्रेन फरीदाबाद के लिए चल दी। ट्रेन के स्टेशन से गुजरने के बाद तीन प्लेटफॉर्म पर खड़ी होकर विलाप कर रही थी। इन तीनों पर एक यात्री नजर पड़ी, जिसने जीआरपी की मदद से बच्ची को फरीदाबाद स्टेशन पर उतरवाया। इस दौरान बच्ची की बुआ ने अपने बड़े भाई और बच्ची के पिता गिर्राज को सूचना दी। सूचना पाकर बच्ची के ताऊ ने फरीदाबाद स्टेशन पहुंचकर जीआरपी मुलाकात की और जीआरपी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को उसके ताऊ को सौंप दिया। एएसआइ सोहनपाल ने बताया कि दिल्ली जीआरपी ने पहले सूचना दी थी। सूचना मिलने पर सभी अनारक्षित डिब्बों की छानबीन की गई थी।
जासं, फरीदाबाद : राजकीय रेलवे पुलिस ने 6 वर्षीय बच्ची को परिजनों से मिलवाया है। बच्ची अपनी दो बुआ और दादी के साथ ग्वालियर जाने के ताज एक्सप्रेस के अनारक्षित डिब्बे चढ़ रही थी। इस दौरान वह परिजनों से बिछड़ गई।
बच्ची के ताऊ ने दिल्ली स्थित खानपुर में नया घर बनाया है। वह अपनी बुआ और दादी साथ दिल्ली आई हुई थी। 4 नवंबर को गृह प्रवेश कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद शुक्रवार को ताज एक्सप्रेस से ग्वालियर वापस लौट रही थी। आरक्षित की टिकट नहीं होने की वजह से वह सभी अनारक्षित डिब्बे में चढ़ने का प्रयास कर रही थी।
उन्होंने बच्ची को ट्रेन की खिड़की से अनारक्षित डिब्बे में चढ़ा दिया था, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण वह तीनों ट्रेन में नहीं चढ़ पाई। इस दौरान ट्रेन फरीदाबाद के लिए चल दी। ट्रेन के स्टेशन से गुजरने के बाद तीनों प्लेटफॉर्म पर खड़ी होकर विलाप कर रही थी। इन तीनों पर एक यात्री की नजर पड़ी, जिसने जीआरपी की मदद से बच्ची को फरीदाबाद स्टेशन पर उतरवाया। इस दौरान बच्ची की बुआ ने अपने बड़े भाई और बच्ची के पिता गिर्राज को सूचना दी।
सूचना पाकर बच्ची के ताऊ ने फरीदाबाद स्टेशन पहुंचकर जीआरपी से मुलाकात की और जीआरपी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्ची को उसके ताऊ को सौंप दिया। एएसआइ सोहनपाल ने बताया कि दिल्ली जीआरपी ने पहले सूचना दी थी। सूचना मिलने पर सभी अनारक्षित डिब्बों की छानबीन की गई थी।