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गारंटी पीरियड में जर्जर हो रही सड़क

शहर में बनने वाली सड़कों के मामले में कई जगह गुणवत्ता बहुत खराब है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 06:11 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 06:11 PM (IST)
गारंटी पीरियड में जर्जर हो रही सड़क
गारंटी पीरियड में जर्जर हो रही सड़क

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शहर में बनने वाली सड़कों के मामले में कई जगह गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता। सड़क निर्माण के तरीकों और सामग्री में कमी होने पर गारंटी पीरियड में ही सड़कें जर्जर होने लगती हैं। सेक्टर-22 शव दाह गृह के सामने मुजेसर की ओर जाने वाले रास्ते की सड़क इसकी मिसाल है। वर्ष 2018 में इस सड़क का निर्माण किया गया था। सड़क का गारंटी पीरियड पांच वर्ष है।

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इस समय सड़क का थोड़ा सा हिस्सा धंस गया है। इससे पहले भी कुछ हिस्सा धंस गया था। पांच वर्ष से पहले ही दो बार सड़क धंस चुकी है। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा ने किसी भी विकास कार्य के शुभारंभ के मौके पर संबंधित क्षेत्र में बोर्ड लगाने की आवाज उठाई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर कहीं सड़क बनती है, उस क्षेत्र में नगर निगम के संबंधित ठेकेदार का नाम, एसडीओ और जेई का मोबाइल नंबर, गारंटी पीरियड तथा बजट का उल्लेख होना चाहिए। मगर अब तक इस मामले में सभी विधानसभा क्षेत्रों में सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है। भुगतान न होने के कारण काम रोक देते हैं ठेकेदार

कई बार भुगतान न किए जाने के कारण ठेकेदार काम रोक देते हैं। इसके चलते जिन सड़कों में कोई खामी सामने आती है, उसे नगर निगम को स्वयं काम कराना पड़ता है या फिर लंबे समय तक काम अधूरा ही रह जाता है। निगमायुक्त के आदेशानुसार अब जहां कहीं भी सड़क निर्माण हो रहा है, वहां बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इन बोर्डों पर ठेकेदार का नाम, काम के उद्घाटन की तारीख और बजट का ब्योरा दिया जाएगा। अगर किसी काम के दौरान निर्माण सामग्री में कोई कमी नजर आए, तो शिकायत की जा सकती है। मुजेसर की सड़क के मामले में ठेकेदार को नोटिस भेज कर कहा गया है कि दोबारा से सड़क मरम्मत की जाए।

-ओपी कर्दम, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान ऐसे बोर्ड लगवा रहा हूं, जिनसे बजट और ठेकेदार के बारे में पता चल सके। सभी विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे बोर्ड होने चाहिए, जिसमें गारंटी पीरियड की जानकारी मिल सके।

-नीरज शर्मा, विधायक, एनआइटी।


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