राजनेताओं, पूर्व मंत्रियों व नगर निगम अधिकारियों के भी हैं अरावली में फार्म हाउस
अरावली के जंगल में मंगल करने के लिए जमीन खरीद कर फार्म हाउस बनाने वालों में नगर निगम के अधिकारी से लेकर पूर्व मंत्रियों राजनेता व उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : अरावली के जंगल में मंगल करने के लिए जमीन खरीद कर फार्म हाउस बनाने वालों में नगर निगम के अधिकारी से लेकर पूर्व मंत्रियों, राजनेता व उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। बड़े शैक्षणिक संस्थान सहित धार्मिक स्थल व होटल भी बने हुए हैं। कुछ बेहद प्रभावी लोगों ने तो यहां स्वयं अपने नाम की बजाय नजदीकी रिश्तेदारों के नाम फार्म हाउस खरीदे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में ऐसे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए तैयार की गई सूची में यह जानकारी सामने आई है। अब ये प्रभावशाली लोग राहत पाने के लिए इधर-उधर हाथ-पैर मार रहे हैं। उधर प्रशासन यहां जल्द कार्रवाई शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
यहां सबसे पहले इनकी बिजली सप्लाई काटने की तैयारी हो रही है। ताकि तोड़फोड़ के समय कोई दिक्कत न हो। खोरी बस्ती में चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई से ही मशीनरी, पुलिसबल लिया जाएगा। पता चला है कि कुछेक फार्म हाउस से सामान भी शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। कुछ अदालत से मिले स्टे की प्रति फार्म हाउस के बाहर चस्पा कर रहे हैं। किस-किसके हैं फार्म हाउस
सूची से पता लगा है कि जिले के एक पूर्व मंत्री का अनखीर गांव की राजस्व संपदा में 11 एकड़ में फार्म हाउस है। अनंगपुर में एक जज का 1.21 एकड़ में फार्म हाउस है। एक और पूर्व मंत्री का मेवला महाराजपुर की राजस्व संपदा में 2.28 एकड़ में फार्म हाउस है। जिले के ही एक राजनेता के रिश्तेदार का मेवला महाराजपुर में ही 9.49 एकड़ में फार्म हाउस है। नगर निगम में वरिष्ठ नगर योजनाकार रहे की पत्नी के नाम से मेवला महाराजपुर में 3.26 एकड़ में फार्म हाउस है। इसी गांव की राजस्व संपदा में एक शैक्षणिक संस्थान 35.18 एकड़ में बना हुआ है। नगर निगम के पूर्व पार्षद सहित शहर के एक बिल्डर ने भी फार्म हाउस बनाया हुआ है। गोशाला, आश्रम सहित सरकारी संस्थान भी अरावली में हैं। जल्द कार्रवाई शुरू करने की मांग
सेव अरावली संस्था के संस्थापक जितेंद्र भडाना, कैलाश बिधुड़ी ने बताया कि अरावली में गैर कानूनी रूप से जब इतने बड़े स्तर पर खरीद-फरोख्त हो रही थी तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जिसने चाहा, यहां जमीन घेरकर फार्म हाउस बना दिया। अब इन पर जल्द कार्रवाई शुरू होनी चाहिए। अरावली के अंदर अवैध निर्माणों तक बिजली भी पहुंच चुकी है। एक-एक किलोमीटर तक बिजली के खंभे लगे हुए हैं, ट्रांसफार्मर लगा दिए गए। इसी वजह से यहां अवैध निर्माण बढ़ते चले गए। ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। मीनाक्षी शर्मा, विकास थरेजा, संदीप कौशिक ने बताया कि अरावली संरक्षण के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं। अब कार्रवाई की उम्मीद है। अवैध निर्माणकर्ताओं को खुद अपने निर्माण हटाने के लिए कहा जा रहा है। जल्द ड्रोन से सर्वे भी शुरू हो जाएगा। उसकी रिपोर्ट आते ही यहां कार्रवाई शुरू कर देंगे।
-राजकुमार, जिला वन अधिकारी