अब मजदूरों को जन्मभूमि से कर्मभूमि तक लाने की कवायद शुरू
लॉकडाउन की वजह से कर्मभूमि छोड़ जन्मभूमि जा चुके मजदूर अब धीरे-धीरे लौटने को तैयार हो रहे हैं। इन मजदूरों की वजह से ही शहर में कई रुके हुए काम शुरू नहीं हो सके हैं। इनमे से एक खेड़ीपुल को छह लेन करने का काम भी शामिल है।
जासं, फरीदाबाद : कोरोना संक्रमण को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से कर्मभूमि छोड़कर अपनी जन्मभूमि जा चुके मजदूर अब धीरे-धीरे वापस लौटने को तैयार हो रहे हैं। इन मजदूरों से ही शहर में कई रुके विकास कार्य शुरू नहीं हो सके हैं। इनमे से एक खेड़ीपुल को छह लेन करने का काम भी शामिल है। उम्मीद है कि दो-चार दिन में 20 से अधिक मजदूर यहां आ जाएंगे। इसके बाद इस पुल का काम भी तेजी से दोबारा शुरू हो जाएगा।
बता दें यहां बने जर्जर पुल को तोड़ा जा चुका है। इसकी जगह दो लेन पुल बनेगा। यहां पहले से ही दो लेन पुल बना हुआ है। इसके साथ एक लेन पुल और बनेगा। इसके बाद यहां तीन-तीन लेन पुल आने व जाने के लिए हो जाएगा। इससे ग्रेटर फरीदाबाद की ओर से आवागमन करने वाले हजारों वाहन चालकों को राहत मिलेगी। दरअसल, ग्रेटर फरीदाबाद के विकसित होने से इस पुल पर वाहनों का अत्यधिक दबाव हो गया है। मंझावली पुल का काम पूरा होने के बाद भी इस पुल पर वाहनों का दबाव और बढ़ेगा। इसलिए इस पुल का जल्द निर्माण जरूरी है।
वर्जन..
खेड़ीपुल का काम जल्द दोबारा शुरू होगा। इस बाबत पुल निर्माण करने वाले ठेकेदार से बात हुई है। उसने बताया है कि मजदूर यहां वापस आने को तैयार हैं। उन्होंने ट्रेन की टिकटें भी बुक करा दी हैं। बस कुछ दिन बाद यहां तेजी से काम चलता दिखेगा।
-वीएस रावत, कार्यकारी अभियंता, सिचाई विभाग।
पुल निर्माण में लगे करीब 20 मजदूरों से बात हो गई है। अधिकतर मजदूर पश्चिम बंगाल के हैं। ट्रेन न चलने से दिक्कत है। अब सभी मजदूरों ने एक बस किराए पर की है। 10 से 12 जुलाई के बीच मजदूर यहां आ जाएंगे और काम शुरू हो जाएगा।
-राधेश्याम मेहता, ठेकेदार, खेड़ीपुल।