अकुशल श्रमिकों को बनाया जा सकता है दक्ष : स्वाति सेठी
नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के बारे में जागृति लाने के उद्देश््य से वर्कशाप का आयोजन।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के बारे में जागृति लाने के उद्देश्य से फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रांगण में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की संयुक्त निदेशक स्वाति सेठी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं। उपनिदेशक प्रणव चौधरी, आइटीआई के प्राचार्य गजेंद्र कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
फरीदाबाद स्किल डेवलपमेंट सेंटर के चेयरमैन एचएल भूटानी ने कार्यशाला में कहा कि पहले अप्रेंटिसशिप का पालन न करने पर जुर्माना और सजा का प्रविधान था। इतना ही नहीं अप्रेंटिस की भर्ती भी ट्रेड के अनुसार अनिवार्य थी। वर्तमान सरकार ने इस एक्ट को पूर्णतया बदलकर स्किल डेवलपमेंट एवं औद्योगिक संस्थानों के अनुरूप बनाया है। 1500 रुपये प्रति प्रशिक्षु सरकार देती है। इस प्रकार औद्योगिक संस्थान को 5500 प्रतिमाह में श्रमिक मिल जाता है, जिसे काम सिखाकर उद्योग उपयोगी बनाया जा सकता है। सजा का प्रविधान भी सरकार ने वापस लिया है। उन्होंने औद्योगिक संस्थानों से केंद्र सरकार से जारी अप्रेंटिसशिप एक्ट और एफआइए रोटरी स्किल डेवलपमेंट सेंटर का अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।
मुख्य अतिथि स्वाति सेठी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में बेहद कम कुशल श्रम शक्ति है। विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र में अकुशल भर्ती किए जाते हैं जिन्हें इस अप्रेंटिसशिप एक्ट द्वारा दक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने एफआइए रोटरी स्किल डेवलपमेंट सेंटर की सराहना करते कहा कि यह अच्छा कार्य कर रहा है। औद्योगिक संस्थान सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान देने के कारण सराहना के पात्र हैं।
प्रणव चौधरी ने उद्योग प्रबंधकों से कार्यकाल का समय ठीक भरने, पूरे दस्तावेज लोड करने और केवल संस्थान की ईमेल देने की सलाह दी। गजेंद्र कुमार ने सभी का आभार व्यक्त करते कहा कि यदि प्रशिक्षु के संबंध में कोई शिकायत हो तो उनके ध्यान में लाई जाए और वह उसका तुरंत समाधान करने का प्रयास करेंगे। स्किल डेवलपमेंट सेंटर के को-चेयरमैन अरविद चीमा ने इस आयोजन को सफल करार देते कहा कि इससे उद्योग प्रबंधकों की कई शंकाओं का समाधान हुआ है। मंच संचालन एसोसिएशन के कार्यकारिणी सचिव जितेश मोदी ने किया।