स्काडा सिस्टम से जुड़ेंगे 30 अंडरग्राउंड वाटर टैंक
पेयजल किल्लत दूर करने को शहर में वाटर स्काडा सिस्टम चालू किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के तहत पेयजल आपूर्ति सिस्टम को स्काडा सिस्टम(सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्यूजीशन) से जोड़ा जाएगा।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पेयजल किल्लत को दूर करने के लिए नगर निगम ने वाटर स्काडा सिस्टम (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्यूजीशन) को अमली जामा पहनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। ददसिया या मंझावली रेनीवेल के साथ ही नगर निगम के करीब 30 अंडरग्राउंड टैंक स्काडा सिस्टम से जोड़े जाएंगे। स्मार्ट सिटी के तहत इस योजना के शुरू होने के पहले चरण में यह पता चल पाएगा कि कितना पानी कहां आपूर्ति किया जा रहा है। नगर निगम इसकी निगरानी करेगा। यूजर आइडी से निगम अधिकारी मुख्यालय में बैठ कर ही सारी स्थिति देख पाएंगे।
बता दें कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों पेयजल किल्लत चल रही है। लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। निगम पार्षद भी पेयजल आपूर्ति वितरण से खफा हैं। एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा ने भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था। नीरज शर्मा इस सिस्टम को बारीकी से समझने और जानकारी लेने के लिए अहमदाबाद भी होकर आए थे। यह है स्काडा सिस्टम
स्काडा एक सॉफ्टवेयर है, जिससे निगम को एक जगह बैठे पानी आपूर्ति की सही जानकारी मिल जाएगी। सिस्टम को सबसे पहले पानी की पाइपलाइन पर लगाकर चेक किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि एक रेनीवेल से कितना पानी किस बूस्टर में गया है। बूस्टरों में कितना पानी है और यह पानी कितनी मात्रा में पाइप लाइन से किस क्षेत्र में जा रहा है। पाइप लाइन में अगर लीकेज है, तो सॉफ्टवेयर से जानकारी मिल जाएगी। इसकी जानकारी अधिकारी के मोबाइल पर आती रहेगी। मेरे क्षेत्र में पेयजल किल्लत अधिक है। मैंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है और साथ ही स्काडा सिस्टम चालू करने की मांग की थी। जब यह सिस्टम शुरू हो जाएगा, तो काफी हद तक सुधार की उम्मीद है।
-नीरज शर्मा, विधायक, एनआइटी। हमारे शहर में पानी की कोई कमी नहीं है। पानी वितरण सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत है। मैं प्रशासनिक अधिकारियों से पूछना चाहती हूं कि अवैध रूप से पानी का कारोबार करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। बूस्टिग लाइनें पंचर करके पानी चोरी करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने की जरूरत है। सख्त कार्रवाई होगी, तभी पेयजल किल्लत दूर हो पाएगी।
-सीमा त्रिखा, बड़खल। अभी एनआइटी की कालोनियों में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत देखी जा रही है। एनआइटी में सेक्टर-55, सारन, जवाहर कालोनी, पर्वतीया कालोनी तथा डबुआ कालोनी में पेयजल किल्लत अधिक है। पानी के वितरण की शिकायतें आ रही हैं। इसलिए स्काडा सिस्टम से अब सही स्थिति का पता चल पाएगा। अब जब स्काडा सिस्टम शुरू हो जाएगा, तो इससे पानी की चोरी और लीकेज का पता चल सकेगा। इससे पानी का दुरुपयोग नहीं होगा।
-डॉ. यश गर्ग, निगमायुक्त।