तर्पण तर्पण तर्पण तर्पण तर्पण
मेरे पिता जी स्व.बीएल विश्वबंधु जी ने मुझमें हमेशा विश्वास का पुट भरा। वे कहते थे जो भी काम करो पूरे विश्वास और ईमानदारी के साथ करो। काम जरूर होगा।
पिता ने भरा आत्मविश्वास का पुट
मेरे पिता जी स्व.बीएल विश्वबंधु जी ने मुझमें हमेशा विश्वास का पुट भरा। वे कहते थे, जो भी काम करो, पूरे विश्वास और ईमानदारी के साथ करो। काम जरूर होगा। उनकी वाणी में चुंबकीय शक्ति थी। उनकी अभिव्यक्ति में भक्ति भावना की अनुरक्ति थी। मैं कोई भी कार्य करने से पहले उनसे अनुमति जरूर लेता था। वह आशीर्वाद देते थे, तो आगे बढ़ता था। वे आज शारीरिक रूप में हमारे बीच नहीं हैं, पर उनका हाथ आज भी मेरे सिर पर हैं।
-गजेश छिब्बर, सेक्टर-9 निवासी। पंडित जी से मिली सेवा की सीख
मुझे समाजसेवा की सीख अपने पिता और पूर्व मंत्री पंडित शिवचरण लाल शर्मा जी से मिली। जरूरतमंद और मजदूरों की सेवा करने का ही फल उन्हें मिला और यही सीख स्व.पिता जी ने हमें दी। उनके बताए रास्ते पर चलकर मैं भी समाज के लिए कुछ कर पा रहा हूं। पितृ पक्ष में पूज्य पिता जी को शत-शत नमन।
-मुकेश शर्मा, पूर्व वरिष्ठ उप महापौर। औरों को देना सीखो, परमात्मा तुम्हें देगा
मेरे पिता स्व.योगपाल शर्मा जी ने हमेशा यही सिखाया कि औरों के काम आओ। समाज को कुछ देना सीखो। परमात्मा तुम्हें भी देगा। यदि हम किसी गरीब और जरूरतमंद की सहायता करेंगे, तो वह हमें 100 गुना कर लौटाएगा। पिता जी कहते थे कि अपने कर्म हमेशा अच्छे रखो।
-ललिता कौशिक। मेरे नाना स्व.रतन सिंह महाशय कहा करते थे कि सत्य ही परमात्मा है। हम सत्य पथ पर चलकर महान बन सकते हैं। मैं नाना जी के बताए सत्य के रास्ते पर चल रही हूं। पितृपक्ष में मैं उन्हें शत-शत नमन करती हूं।
-वंदना मवई