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मेरे दादा स्व.मूल चंद अग्रवाल ने मुझे हमेशा ही नेक कार्य करने तथा लोगों की मदद करने की सीख दी है। उन्हीं के आशीर्वाद से आज मैं अग्रवाल वैश्य समाज के संयोजक के रूप में सामाजिक कार्य कर पा रहा हूं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 03:32 PM (IST)
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दादा जी से मिली नेक कार्यों की सीख

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मेरे दादा स्व.मूल चंद अग्रवाल ने मुझे हमेशा ही नेक कार्य करने तथा लोगों की मदद करने की सीख दी है। उन्हीं के आशीर्वाद से आज मैं अग्रवाल वैश्य समाज के संयोजक के रूप में सामाजिक कार्य कर पा रहा हूं। वे जरूरतमंदों की मदद करते थे। मैंने भी इन्हीं गुणों को अपनाया है। उनकी इस अमूल्य सीख के लिए मैं उन्हें शत-शत नमन करता हूं।

-केदारनाथ अग्रवाल, नंगला रोड निवासी।

माता-पिता के आशीर्वाद से मिला मुकाम

मुझे माता मोहिनी अरोड़ा और पिता भोला राम अरोड़ा जी ने हमेशा अच्छे कार्य करने की सलाह दी और बड़ों का सम्मान करने की सीख दी। मेरे माता-पिता ने बताया कि जब सभी की भावनाओं की कद्र करोगे, तो जीवन में अवश्य ही सफल हो जाओगे। मैं उनके बताए रास्ते पर चला और आज अपने माता-पिता के आशीर्वाद से समाज में मुकाम हासिल किया है।

-अनिल अरोड़ा, समाजसेवी। सादगी से जीने की मिली सीख

मेरे दादा स्व.राम किशन वशिष्ठ ने पूरा जीवन सादगी से बिताया। सामाजिक सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। बाबा सूरदास जी के परम भक्त थे। हम दादा जी के आदर्शों पर चल रहे हैं। हमेशा बड़ों का आदर करने, गुणवान व्यक्ति के साथ जिदगी के पलों को साझा करने और घर-परिवार के साथ राष्ट्रहित में भी जिम्मेदारियां समझने की सीख दी। दादा जी को शत-शत नमन।

-रविद्र वशिष्ठ, तिलपत।

समाज की सेवा का मिला संस्कार

मेरे पिता स्व.भीम सिंह नागर समाज की सेवा में काफी सक्रिय रहते थे। मुझे समाज सेवा के संस्कार पिता से विरासत में मिले हैं। पिता जी हर किसी के सुख-दुख में शरीक होते थे। जरूरतमंदों की मदद करने में आगे रहते थे। उनके आशीर्वाद से आज सामाजिक कार्य कर पा रहा हूं। पितृ पक्ष में मैं उनको नमन करता हूं।

-हरीचंद नागर, तिगांव। पिता से मिली ईमानदारी की सीख

मेरे पिता स्व.पंडित टेक चंद शर्मा व माता स्व.हरप्यारी देवी ने सदैव ईमानदारी से समाजसेवा करने की सीख दी। माता-पिता से मिली हिम्मत और मेहनत के इन दोनों गुणों से और उनके आशीर्वाद से मेरी भारतीय वायुसेना में नियुक्ति हुई। आज उनके आशीर्वाद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी पूर्व सैनिकों की सेवा कर पा रहा हूं।

-आईडी शर्मा, सेक्टर-37 निवासी।


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