सूरजकुंड मेले को लेकर संशय बरकरार
नए वर्ष में फरवरी में लगने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को लेकर संशय बरकरार है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नए वर्ष में फरवरी में लगने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के आयोजन को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। कोरोना संकट के चलते अभी तक मेला आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जबकि मेले में आने के लिए हस्तशिल्पी और कलाकार सूरजकुंड मेला प्रबंधन से बराबर पूछताछ कर रहे हैं। एक तरफ हरियाणा पयर्टन विभाग तथा सूरजकुंड मेला प्रबंधन की मेल आइडी पर आवेदन भी आ रहे हैं। दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मौजूदा हालात दुरुस्त नहीं लग रहे हैं। यही वजह है कि अभी तक सूरजकुंड मेला प्रबंधन को कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिले हैं।
बता दें कि इस वर्ष 1 से 16 फरवरी तक 34वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2020 आयोजित किया गया था। उज्बेकिस्तान पार्टनर कंट्री तथा थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश रहा था। हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूरजकुंड मेले की शुरुआत की गई थी।
मेले के आयोजन से कई महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी जाती हैं, मगर कोरोना के चलते इस बार कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं, तो तैयारियां भी नहीं हैं। मेले में हर वर्ष करीब 1100 शिल्पियों के स्टाल लगते हैं। देश-विदेश के हजारों कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। मेला के आयोजन को लेकर अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। इसलिए आयोजन के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा जा सकता। मेला प्रबंधन की मेल आइडी पर बहुत से आवेदन जरूर आ रहे हैं।
-राजेश जून, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला।