अनलॉक-5 से मेले के आयोजन की संभावनाओं को मिला बल
आनलॉक-5 (15अक्टूबर से) में अनिवार्य शर्तों के साथ व्यापार मेला आदि खुलने से राहत मिली है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : आनलॉक-5 (15अक्टूबर से) में अनिवार्य शर्तों के साथ व्यापार मेला, सिनेमा हाल और स्वीमिग पूल चालू करने की छूट के फैसले से सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के आयोजन की संभावनाओं को बल मिला है। मेले का स्वरूप क्या होगा, यह अभी भविष्य के गर्त में है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और प्रदेश पर्यटन मंत्रालय कोरोना संकट को देखते हुए अभी इस पर विचार कर रहा है कि मेले के आयोजन को किस तरीके से व्यवस्थित किया जाए, जिससे कि सबका स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहे।
बता दें कि हर वर्ष फरवरी में आयोजित किए जाने मेले में 2500 से अधिक देश-विदेशी कलाकार और हस्तशिल्पी आते हैं। इस वर्ष 1 से 17 फरवरी तक आयोजित किए गए मेले में 12 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे।
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण अभी कोरोना को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्पियों और कलाकारों की सुरक्षा को लेकर भी फिक्रमंद है। जो भी हस्तशिल्पी और कलाकार मेले में आते हैं, उन्हें आयोजन के दौरान सूरजकुंड में ही ठहरने की जगह दी जाती है। मेला आयोजन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी पर्यटन, वस्त्र मंत्रालय के साथ और कई विभागों के अधिकारियों की बैठक होनी है। इसके बाद ही विदेशी कलाकारों को यहां आने की अनुमति होगी। पिछले वर्ष तो 39 देशों ने मेले में शिरकत की थी। कोरोना की स्थितियों को देखते हुए इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा कम ही देशों को मेले में आमंत्रित किया जाएगा। इस बारे में सप्ताह भर में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। वैसे जिस तरह इन दिनों कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्या बढ़ रही है, उससे दिसंबर के अंत तक बेहतर स्थिति बनने की उम्मीद है। हमने मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक से दिशा-निर्देश मांगे हैं। अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। आदेश आते ही तैयारियों को गति दी जाएगी। वैसे इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि कोरोना के चलते मेले का स्वरूप बदला-बदला ही होगा।
-राजेश जून, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला।