पर्यटकों को कुंड से जोड़ने को उकेरी जाएंगी सूर्य देव की प्रतिकृतियां
फरीदाबाद में नए साल में एक से 16 फरवरी के बीच लगने वाले सूरजकुंड मेले में इस बार सूयदेव की प्रतिकृति उकेरी जाएगी।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : नए वर्ष में 1 से 16 फरवरी तक लगने वाले 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में देश-विदेश के पर्यटकों को कुंड से जोड़ने के लिए सूर्य देव की प्रतिकृतियां उकेरी जाएंगी। पर्यटकों का सूरजकुंड के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए सूरजकुंड मेला प्राधिकरण इस बार इस तरह से तैयारियों में जुटा है, जिसमें परिसर के अलग-अलग कोने में सूरजकुंड का इतिहास नजर आए। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फैशन डिजाइनर रितु बेरी ने इसके लिए प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण ने रितु बेरी को मेले के लिए मानद सलाहकार बनाया है।
बता दें कि पहले तोमर कुल के राजा सूरजपाल ने 10वीं शताब्दी में यह कुंड बनवाया था। वे सूर्य देव के उपासक थे। इस कुंड का नाम भी उन्हीं के नाम पर किया गया था। इस कुंड के पीछे एक सूर्य मंदिर था। मगर हैरानी की बात है कि पिछले वर्षों तक आयोजित किए गए सूरजकुंड मेले में पर्यटन विभाग ने इस कुंड के प्रचार-प्रसार पर ध्यान ही नहीं दिया और न ही लोगों को इसका इतिहास बताने के प्रयास किए गए।
दैनिक जागरण ने कई बार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था कि सूरजकुंड के नाम पर शुरू किए जाने मेले में आने वाले पर्यटकों को इतिहास के बारे में कुछ नहीं बताया जाता। इसलिए अब पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन के प्रयासों से मेला परिसर में अलग-अलग जगह कहीं पेंटिग तो कहीं सूर्य देव की प्रतिकृति से पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। फैशन डिजाइनर रितु बेरी के प्लान के मुताबिक पर्यटन विभाग की ओर से मेला परिसर में इंटीरियर का काम किया जाना है। हम प्रयास करेंगे कि हर पर्यटक को सूरजकुंड के इतिहास के बारे में जानकारी दें। कहीं तस्वीरें, कहीं पेंटिग तो कहीं इंटीरियर से सूर्य देव की प्रतिकृति को दिखाया जाएगा। मकसद सिर्फ पर्यटक को आकर्षित करके उस कुंड तक लाना है, जो सूर्य उपासक राजा सूरजपाल ने बनवाया था।
-राजेश जून, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला।