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शिवाजी कालीन युद्ध कला है मर्दानी खेल

शिवराय यांचे आठवावे रूप यशिवरायांचा, आठवा प्रताप शिवरायांचा आठवावा साक्षेप। यह है छत्रपति शिवा जी महाराज की प्रार्थना, जो शिवकालीन युद्ध कला के शुभारंभ से पहले मार्शल आर्ट मास्टर दिनेश साड़ोके कर रहे हैं सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले की मुख्य चौपाल पर।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 08:49 PM (IST)
शिवाजी कालीन युद्ध कला है मर्दानी खेल

अनिल बेताब, फरीदाबाद : शिवराय यांचे आठवावे रूप यशिवरायांचा, आठवा प्रताप शिवरायांचा आठवावा साक्षेप। यह है छत्रपति शिवा जी महाराज की प्रार्थना, जो शिवाजी कालीन युद्ध कला के शुभारंभ से पहले मार्शल आर्ट मास्टर दिनेश साड़ोके कर रहे हैं सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले की मुख्य चौपाल पर।

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कोल्हापुर, महाराष्ट्र के कलाकार रोहण रेडेकर, योगेश, पंकज पोआर, पृथ्वी राज पाटिल, स्वाति, अस्मिता तथा शिवानी मंच पर शिवाजी कालीन युद्ध कला का प्रदर्शन करने को तैयार हैं। वाद्य यंत्र दान पट्टा, हलगी, तथा तलवार के साथ मर्दानी खेल यानि शिवाजी कालीन युद्ध कला का प्रदर्शन शुरू होता है। विपरीत परिस्थितियों में आत्म रक्षा के लिए इस कला में निपुण होने के लिए कोल्हापुर के अखाड़ों में प्रशिक्षण दिया जाता है। कोल्हापुर की तीन छात्राओं स्वाति, अस्मिता और शिवानी ने भी अखाड़े में प्रशिक्षण लिया है, जो सूरजकुंड मेले में इस युद्ध कला का प्रदर्शन करने आई हैं। हम इस कला के प्रदर्शन के दौरान सबसे पहले शिवाजी महराज को नमन करते हैं, तब शस्त्र पूजन भी किया जाता है। आज बहुत सी छात्राएं आत्म रक्षा के लिए इस कला में निपुण होने को आगे आ रही हैं।

-दिनेश साड़ोके, टीम लीडर, अखाड़ा, कोल्हापुर, महाराष्ट्र।


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