हरियाणवीं हस्तकला को बाजार देगा धरोहर हैरीटेज
धरोहर हैरीटेज हरियाणवी हस्तकला को बढ़ावा देने में जुट गया है। बाजार देने के मकसद से इस बार सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में अहीरवाल तथा पानीपत की हस्तकला को बाजार देने के लिए आगे आया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : धरोहर हैरीटेज हरियाणवीं हस्तकला को बढ़ावा देने में जुट गया है। बाजार देने के मकसद से इस बार सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में अहीरवाल तथा पानीपत की हस्तकला को बाजार देने के लिए आगे आया है। चौपाल के पास बनाए गए हरियाणा के अपना घर के सामने धरोहर हैरीटेज की ओर से इंडी, झूमर, ¨हडौला तथा दरियों का प्रदर्शन किया गया है।
पारंपरिक डिजाइनों की दरियों तथा सजावटी व आकर्षक सामग्री के कद्रदानों के साथ मेले में खरीदार भी मिले, इस मकसद से धरोहर हैरीटेज ने सराहनीय पहल की। वूलन, रंगीन पेपर तथा धागों की मदद से कई आकर्षक कृतियां बनाई गई हैं। अब तक धरोहर हैरीटेज हरियाणा के अपना घर के माध्यम से हरियाणवीं संस्कृति का ही प्रदर्शन करता रहा है। खास कर प्रदेश के ग्रामीण परिवेश का यहां अहसास कराता है। ऊंट की काठी, ओखली, बड़ी चारपाई, हुक्का स्टैंड, हल, चाकी तथा मुदगढ़ अपना घर का आकर्षण हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि हरियाणा की हस्तकला को बाजार दिया जाए। पहले कुएं से पानी लाने की परंपरा थी। महिला सिर पर मटका रखने से पहले इंडी रखती है, जिस पर मटका टिकता है। अब परंपरा को दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे ही लोक पारंपरिक डिजाइनों पर आधारित कई झूमर हैं, जो हस्तकला को तो बढ़ावा देते ही हैं, वहीं इनकी बिक्री आर्थिक पहलू से उपयोगी है।
-महा ¨सह पूनिया, निदेशक, धरोहर हैरीटेज