75 साल से अधिक आयु के कैदियों की रिहाई को सोचे सरकार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आदर्श गोयल एवं यूयू ललित ने जेल में बंद 75 साल से अधिक आयु के कैदियों की रिहाई के लिए सरकार द्वारा कदम उठाने की बात कही है
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आदर्श गोयल एवं यूयू ललित ने जेल में बंद 75 साल से अधिक आयु के कैदियों की रिहाई के लिए सरकार द्वारा कदम उठाने की बात कही है। रविवार को वे जिला नीमका जेल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां कैदियों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही।
न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि निरीक्षण के दौरान पता चला है कि अधिकांश केसों में गवाह के उपस्थित न होने के कारण, गवाह न मिलने के कारण, मुकदमों के फैसलों में देरी हो रही है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे केसों में यदि मुल्जिम काफी दिनों से बंद हैं और गवाह नहीं आ रहे हैं तो बंदी को पर्सनल बांड पर छोड़ दिया जाए या जमानत दे दी जाए।
न्यायमूर्ति यूयू ललित ने कहा कि लीगल सर्विसेज अथॉरिटी का कार्य यही है कि वह अपने पैनल एडवोकेट्स द्वारा मुल्जिमों से तालमेल कर उनकी हर समस्या का समाधान कराएं। इससे पूर्व दोनों न्यायाधीशों ने जिले के सभी न्यायाधीशों के अधीन चल रहे विचाराधीन मामलों की फाइलों के साथ बैठकर चर्चा की और उनकी फाइलों का मुआयना भी किया। न्यायमूर्ति आदर्श गोयल एवं यूयू ललित ने एनआइटी-5 स्थित बाल सुधार गृह का भी निरीक्षण किया। यहां जेल अधीक्षक दिनेश यादव से बाल कैदियों के बारे में जानकारी ली। उनसे बातचीत कर उनकी समस्याएं भी जानी। जिला सेशन जज दीपक गुप्ता ने दोनों न्यायमूर्तियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से न्यायाधीश राजेश मल्होत्रा, कंचन माही, वीरेंद्र मलिक, कुलदीप ¨सह, वीरेंद्र प्रसाद, देवेंद्र ¨सह, जगजीत ¨सह, जैसमीन शर्मा, सौरभ गोसाई, तरुण सिंघल, डॉ. अशोक, मोना ¨सह, संदीप कुमार, रितु यादव, गरिमा यादव, साक्षी सैनी, मंजीतपाल, राकेश कुमार व पैनल एडवोकेट र¨वद्र गुप्ता मौजूद थे।