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वातावरण में छाई स्मॉग, दृश्यता हुई कम

सोमवार सुबह बादल छाए होने और ठंड बढ़ने के साथ ही स्मॉग भी बढ़ गया। वाहन चालकों के लिए दूर तक देखना काफी मुश्किल हो रहा था। स्मॉग के ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 06:31 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 06:31 PM (IST)
वातावरण में छाई स्मॉग, दृश्यता हुई कम
वातावरण में छाई स्मॉग, दृश्यता हुई कम

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : पछुआ हवा चलने का असर शहर-देहात में भी दिखाई देने लगा है। सोमवार को सुबह से ही वातावरण में स्मॉग छाया रहा, हवाएं भी चली और इसी के साथ ही ठंड भी बढ़ गई। स्मॉग छाने से दृश्यता भी कम रही, वाहन चालकों के लिए दूर तक देखना काफी मुश्किल हो रहा था। स्मॉग के बढ़ने की वजह से लोगों को सुबह सैर करने में भी खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

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अब ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई के लिए खेतों की ¨सचाई का काम जोर-शोर से शुरू हो चुका है। नवंबर महीने में गेहूं की बुवाई की जाती है। ¨सचाई होने और दिन के समय सूर्य कम दिखाई देने से मौसम में नमी बढ़ गई है। इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। आंखों में भी जलन थी।

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स्मॉग से बचने के लिए अस्थमा के मरीज मास्क लगाकर सुबह सैर करें। गर्म पानी के गरारे करें। ग्रीन दिवाली मनाएं और पटाखे न जलाएं। प्रदूषण से बचने के लिए सावधानी बरतें।

-डॉ.मान ¨सह, वरिष्ठ चिकित्सक, बल्लभगढ़ अस्पताल। जागरण


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