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श्रद्धा का महासावन-

शिवपुराण में लिखा है जो व्यक्ति मन वचन कर्म से शिव आराधना करता है वह अनेक कष्टों से मुक्ति पा लेता है। भगवान शिव जिनको कैलाश पर्वतवासी भी कहा जाता है देवाधिदेव हैं। हम सबके घर के मंदिर में भगवान शिव आवश्य विराजमान होने चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 05:38 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 05:38 PM (IST)
श्रद्धा का महासावन-
श्रद्धा का महासावन-

मुक्ति दाता हैं भोले भंडारी

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शिवपुराण में लिखा है जो व्यक्ति मन, वचन, कर्म से शिव की आराधना करता है, वह अनेक कष्टों से मुक्ति पा लेता है। भगवान शिव, जिनको कैलाश पर्वतवासी भी कहा जाता है, देवाधिदेव हैं। हम सबके घर के मंदिर में भगवान शिव आवश्य विराजमान होने चाहिए। भगवान शिव कई तरह से हमें सद्भाव की सीख देते हैं। उनकी जटाओं से गंगा प्रवाहित होती है, जो शीतलता का संदेश देती है। उन्होंने चंद्र धारण किया हुआ है। इसलिए उन्हें चंद्रमौली भी कहा जाता है। शशिधारी भी भगवान शिव को पुकारा जाता है। सावन के महीने को शिव साधना का मास माना गया है। इस मास में प्रत्येक सोमवार को लोग व्रत रखने के साथ शिव साधना में तल्लीन रहते हैं। शिव को जल अति प्रिय है। बेलपत्र, जल, धतूरा से शिव अति प्रसन्न होते हैं और साधक की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिव जी का बहुत से लोग अलग-अलग नाम से जाप भी करते हैं। यहां उनके मंत्रों का उल्लेख करना जरूरी है। ओम नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव के मंत्र हैं। इनके जाप से इंसान मुक्ति को प्राप्त करता है। ऐसी मान्यता है भगवान शिव की अंतर्मन से पूजा अर्चना करने से प्रभु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। भोले बाबा वास्तव मे भोले हैं। अपने सभी भक्तों का कल्याण करते हैं, मनोकामना जल्द पूर्ण करते हैं।

-डॉ.महेंद्र शर्मा मधुकर, अध्यक्ष, आगमन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था।


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