सावन की शिवरात्रि पर किया जलाभिषेक
जागरण संवाददाता फरीदाबाद सावन की शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जा कर जलाभिषेक किया।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: सावन की शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर जलाभिषेक किया। बहुत से मंदिरों के द्वार बंद थे, तो कई श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही पूजा-अर्चना की। व्रत रखकर भी शिव आराधना की गई। घरों में भी भगवान शिव के नाम की गूंज सुनाई दी।
श्रद्धालुओं ने घर में स्थापित शिव दरबार में पुष्प तथा फल अर्पित किए। मंदिरों में कमेटियों के सदस्यों और पुजारियों ने शिवलिग पर जलाभिषेक किया और पूजा-अर्चना की। तत्कालेश्वर शिव मंदिर में आचार्य संजय शर्मा के साथ कमेटी के महासचिव बंसी लाल ने मास्क लगाकर और शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए पूजा-अर्चना की। इन दिनों अगर कोई श्रद्धालु घर में रहकर शिव आराधना करना चाहता है और घर में शिवलिग स्थापित नहीं है। ऐसे में वो भगवान शिव को स्मरण करते हुए एक हाथ से दूसरे हाथ को जलाभिषेक चढ़ाया जा सकता है। शिव का ध्यान करके इस तरह की गई पूजा-अर्चना सार्थक मानी जाती है। भगवान शिव तो भाव देखते हैं। शास्त्रों में इसका उल्लेख है।
- आचार्य संजय शर्मा। शिव आराधना और व्रत का सावन के महीने में बड़ा महत्व है। मैं कई वर्षों से सावन के महीने में व्रत रखता हूं।
- अमित जैन। मैं हमेशा ही शिवरात्रि और सोमवार का व्रत रखती हूं। घर की सुख, समृद्धि के लिए व्रत बड़ा ही फलदायी होता है।
- सारिका। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखता हूं। इन दिनों मंदिर जाना नहीं हो रहा है। इसलिए घर में स्थापित शिव दरबार में पूजा-अर्चना कर रहा हूं।
- सीपी पाराशर।