रानी की छतरी बन सकता है एक अच्छा पर्यटन केंद्र
राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी हुई रानी की छतरी और शाही तालाब एक अच्छे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकते हैं। दिल्ली से परिवार के साथ घूमने-फिरने जाने वाले पर्यटक यहां पर अच्छी संख्या में आ सकते हैं।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी हुई रानी की छतरी और शाही तालाब एक अच्छे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकते हैं। दिल्ली से परिवार के साथ घूमने-फिरने जाने वाले पर्यटक यहां पर अच्छी संख्या में आ सकते हैं। यहां पर दिल्ली से आगरा और आगरा से दिल्ली आने-जाने वाले पर्यटक भी रुक सकते हैं और वे इन ऐतिहासिक स्थलों का आनंद ले सकते हैं। छतरी और तालाब का इतिहास
बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति की अग्रणी पंक्ति के योद्धा थे। उन्होंने अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा। अंग्रेजों ने राजा नाहर सिंह को संधि करने के बहाने धोखे से गिरफ्तार करके नौ जनवरी 1858 को दिल्ली चांदनी चौक के लाल कुआं पर खुले आम फांसी पर लटका दिया। राजा नाहर सिंह की रानी की छतरी और शाही तालाब राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा हुआ है। रानी तालाब में स्नान करती थी और छतरी की छत पर पूजा करती थी। अभी भी पूजा स्थल बना हुआ है।
दोनों ऐतिहासिक स्थलों की हालत समय पर देख-रेख न होने के कारण जर्जर हो गई। अब सरकार ने इस तरफ ध्यान दिया है और दोनों ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णोद्धार काम काम इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरीटेज) की फरीदाबाद शाखा के सहयोग से शुरू कर दिया है। जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने 1.20 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। जीर्णोद्धार का काम एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। विकसित किया जा सकता है पर्यटन केंद्र
रानी की छतरी और तालाब दिल्ली बदरपुर सीमा से 18 किलोमीटर दूर बल्लभगढ़ में स्थित है। दिल्ली के रहने वाले लोगों के लिए यहां पर तालाब में बच्चों के लिए नौकायन की सुविधा दी जा सकती है। छतरी के अंदर खुले में नाश्ते के लिए एक रेस्तरां तैयार किया जा सकता है। यहां पर राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, लाल किले की तरह से रंगीन रोशनी की जा सकती है। इस पर्यटन केंद्र के बारे में जानकारी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर बोर्ड लगाया जाना चाहिए। बच्चों के लिए यहां पर झूला आदि लगाए जाने चाहिए। जहां पर बच्चे झूल कर आनंद ले सकें। बच्चों के लिए ऊंट और घोड़ा की सवारी खड़ी की जा सकती हैं। मनोरंजन के लिए लोक कलाकार भी खड़े किए जा सकते हैं। महल को पहले ही बनाया जा चुका है हेरीटेज होटल
प्रदेश के पर्यटन विभाग ने राजा नाहर सिंह महल को 27 सितंबर-2003 में पर्यटन केंद्र के रूप में हेरीटेज होटल बनाकर विकसित किया हुआ है। यहां पर लोगों के ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्था है। महल में अब बार नहीं है, इसलिए पर्यटक परिवार के साथ यहां पर आकर भोजन कर सकते हैं। यहां पर बच्चों के लिए झूला है। रात को रंगीन फव्वारे का आनंद लिया जा सकता है। महल में फिल्मों, टेलीविजन नाटकों और विज्ञापनों की शूटिग समय-समय पर होती रहती हैं। महल के अंदर पत्थरों पर मुगलकालीन नक्काशी देख कर आनंद ले सकते हैं। यहां पर पर्यटन विभाग को बच्चों के लिए झूला, ऊंट, घोड़ा की सवारी खड़ी करनी चाहिए। महल के मुख्य द्वार पर राजा नाहर सिंह के इतिहास की शिला लगाई गई है। महल में पर्यटन केंद्र हैं, इसका विभाग को प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय स्तर पर करना चाहिए। हमने विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर महल में आने वालों के लिए भोजन और कमरों की बुकिग पर 10 फीसद छूट दी है। ये छूट तीन दिन तक चलेगी। महल में जल्दी ही रंगीन रोशनी की जाएगी। इसकी योजना बनाकर पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारियों के पास भेजी हुई है। यहां पर ज्यादातर लोग शादियां करते हैं। इस बार के सीजन के लिए अब तक 20 शादियों की बुकिग हो चुकी है।
-विवेक भारद्वाज, प्रबंधक, हेरीटेज होटल राजा नाहर सिंह महल बल्लभगढ़ दैनिक जागरण का यह अभियान व प्रयास बेहद सटीक है। रानी की छतरी के स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। यहां राजा नाहर सिंह सिंह से जुड़ी यादों का छोटा सा संग्रहालय, आगरा जाने वाले पर्यटकों के लिए छोटा कैफेटेरिया, जहां चाय-काफी, स्नैक्स उपलब्ध हों और बच्चों के लिए मनोरंजन के लिए ऊंट-घोड़े आदि की सवारी आदि संसाधन उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। सरकार को इस बारे में पहल करनी चाहिए। हम सरकार को इस बाबत पत्र भी लिखेंगे।
-आनंद महता, कन्वीनर, इंटेक फरीदाबाद