पुल को चालू करने का इंतजार हुआ लंबा
नीलम ओवरब्रिज के नीचे आग लगने से जर्जर हुए पिलर्स को यथावत स्थिति में आने में समय लगेगा।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : नीलम ओवरब्रिज के नीचे आग लगने से जर्जर हुए पिलर्स को यथावत स्थिति में लाने में अभी समय लगेगा। एजेंसी के विशेषज्ञों की टीम पहले पुल और पिलर्स के लोड का आकलन करेगी। पुल की निर्माण सामग्री की लैब में जांच की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद पिलर्स बनने का काम शुरू हो पाएगा। बृहस्पतिवार को नीलम ओवरब्रिज के नीचे कबाड़ में आग लग गई थी। आग लगने के कारण पुल के 4 पिलर जर्जर हो गए हैं।
शुक्रवार को मौके पर नगर निगम के अधीक्षण अभियंता विजय ढाका, कार्यकारी अभियंता ओपी कर्दम, एसडीओ खेम चंद, जेई एमएम सचदेवा,लोक निर्माण विभाग (इमारत एवं मरम्मत)के कार्यकारी अभियंता प्रदीप सिधू तथा पार्षद जसवंत सिंह पहुंचे थे। नीलम पुल से रोजाना बड़ी संख्या में लोग अजरौंदा चौक राष्ट्रीय राजमार्ग तक आते हैं। ऐसे ही राजमार्ग से आने वाले लोगों को जब नीलम बाटा रोड या पांच नंबर रेलवे रोड तक आना होता है, तो इसी पुल का इस्तेमाल करते हैं। नीलम ओवरब्रिज के नीचे दाएं तरफ तरफ के दो पिलर कम क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऐसे में एक-दो दिन में पुल के दाएं ओर के रास्ते को खोलने पर विचार किया जा सकता है। अभी तक दोनों तरफ से आना-जाना बंद है। एक तरफ से अगर आवागमन चालू हुआ, तो भारी वाहनों पर रोक लगती है। चार अधिकारियों की कमेटी बनाई
निगमायुक्त डा.यश गर्ग ने नीलम ओवरब्रिज पुल के नीचे आग लगने के मामले में चार अधिकारियों की कमेटी बना दी है। इस कमेटी में मुख्य अभियंता टीएल शर्मा, अधीक्षण अभियंता विजय ढाका, कार्यकारी अभियंता ओपी कर्दम तथा लोक निर्माण विभाग (भवन एवं मरम्मत) के कार्यकारी अभियंता प्रदीप सिधू को शामिल किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेंट्रल रोड एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट(केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, सीआरआरआइ) की टीम यहां आ कर पुल और पिलर के लोड का आकलन करेगी। सीआरआरआइ के विशेषज्ञ बताएंगे कि पिलर नए सिरे से बनाए जाएंगे या फिर मरम्मत कार्य से ही काम चल पाएगा। सीआरआरआइ ही एस्टीमेट बनाएगी। इसके बाद निगम की ओर से पिलर्स निर्माण का टेंडर किया जाएगा। इस काम में महीने से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। नीलम ओवरब्रिज के दाएं पिलर की स्थिति थोड़ी ठीक है। विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। चार में से दो पिलर अधिक क्षतिग्रस्त हैं। सीआरआरआइ से रिपोर्ट आने के बाद इन पिलरों को बनाने का काम शुरू हो पाएगा।
-डा. यश गर्ग, निगमायुक्त।