'सिगल यूज प्लास्टिक के विकल्प अपनाएं'
सिगल यूज प्लास्टिक तथा पालीथिन पर्यावरण संरक्षण के लिए खतरा है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सिगल यूज प्लास्टिक तथा पालीथिन पर्यावरण संरक्षण के लिए खतरा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, ईकोग्रीन और सामाजिक संस्थाएं लोगों को जागरूक कर रही हैं कि सिगल यूज प्लास्टिक के विकल्प को अपनाएं। कहीं-कहीं अब भी पर्यावरण के लिए नुकसानदायक प्लास्टिक और थर्माकोल का प्रयोग किया जा रहा है। शहर में कचरे के साथ कई जगह बिखरे पड़े सिगल यूज प्लास्टिक से स्पष्ट होता है कि अभी बहुत सुधार की जरूरत है। हालांकि नगर निगम की टीमों ने चालान काटते हुए लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। निगम प्रयास कर रहा है कि लोग पालीथिन और सिगल यूज प्लास्टिक के विकल्प अपनाएं। यह है सिगल यूज प्लास्टिक
थर्माकोल के सजावटी सामान, थाली, प्लेट, कप, गिलास, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, निमंत्रण पत्र, प्लास्टिक की डंडियों वाले ईयर बड, बैलून स्टिक, प्लास्टिक के झंडे तथा पीवीसी बैनर शामिल हैं। शहर में प्रतिदिन कुल 850 टन कचरा निकलता है, जो बंधवाड़ी प्लांट तक पहुंचाया जाता है। इसमें से लगभग 60 टन कचरा सिगल यूज प्लास्टिक होता है। हमारी टीमें लोगो को जागरूक कर रही हैं कि सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न हो।
-विनोद देवधर, प्रबंधक, ईकोग्रीन। सिगल यूज प्लास्टिक प्रकृति, मानव और जीव-जंतुओं के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। सिगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों के स्थान पर हम कागज, जूट, कांच और लकड़ी से बने उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं। पत्तों की प्लेटें और दोने भी बनाई जाते हैं। पहले बड़ी संख्या में लोग इन्हीं का ही इस्तेमाल करते थे। कई जगह जूट भी बेहतर विकल्प है। आप पुराने कपड़ों से थैले बना सकते हैं।
-बीएस बिष्ट, संस्थापक, धरती मां ट्रस्ट। 40 वार्डों के लिए 40 टीमें बनी हुई हैं। अगर कहीं प्लास्टिक और पालीथिन फैली हुई है, तो वहां सफाई कराई जाएगी। हम हर वार्ड में लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि प्रतिबधित पालीथिन और सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग तथा बिक्री न करें। चालान भी काटे जा रहे हैं।
-राजेंद्र दहिया, वरिष्ठ निरीक्षक, नगर निगम। पर्यावरण संरक्षण के लिए केंद्र के दिशा निर्देशानुसार हर नागरिक को साथ देना चाहिए। हम सिगल यूज प्लास्टिक और प्रतिबंधित पालीथिन का प्रयोग न करें। विकल्प अपनाएं, तभी पर्यावरण संरक्षित रहेगा।
-सतेंद्र सिंह। 67 चालान किए, 54 हजार जुर्माना
नगर निगम की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों में 67 चालान किए और 54 हजार रुपये जुर्माना किया है। इनमें से निगम ने 23 हजार रुपये जुर्माना राशि वसूल की है। चालान के नोडल अधिकारी बिशन तेवतिया ने बताया कि पालीथिन त्था सिगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध आगे भी कार्रवाई की जाएगी। दुकानदारों को जागरूक होना चाहिए। कई जगह बंद हुईं दुकानें
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जब निरीक्षण करने को निगम की टीमें पहुंची, तो यह बात सामने आई कि दुकानें ही बंद हो गई हैं। एसजीएम नगर, जवाहर कालोनी, संजय कालोनी में थर्माकोल से बन प्लेटें, गिलास की कई दुकानें हैं। निगम की सख्ती के चलते दुकानदारों ने अपना सामान घरों में चोरी-छिपे बेचना शुरू कर दिया है।