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वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर मंथन

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दक्षिणा फाउंडेशन और मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 06:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:02 PM (IST)
वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर मंथन
वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर मंथन

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दक्षिणा फाउंडेशन और मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वेबिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने की। दक्षिणा फाउंडेशन की संस्थापक उपासना अग्रवाल बतौर विशेष अतिथि मौजूद थीं। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डा.प्रशांत भल्ला सहित वेबिनार में शामिल अतिथियों ने भी अपने विचार रखे।

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दक्षिणा फाउंडेशन की उपासना अग्रवाल ने कहा कि अब कर्मयोगी बनने का समय आ गया है। डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि 34 साल बाद नई शिक्षा नीति हमारे सामने है। शिक्षा नीति सिर्फ कौशल ही नहीं, व्यापक विकास की भी बात करती है। इनमें नैतिकता, भारतीय संस्कृति, संस्कार, संविधान, सोसायटी के प्रति जिम्मेदारी भी शामिल हैं। अतुल कोठारी ने कहा कि हम सभी को सामूहिक रूप से इस समग्र नई नीति को सफल बनाने के लिए निवेश करने की जरूरत है। सोनीपत स्थित ओपी जिदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर डा.सी.राजकुमार ने भी अपने विचारों को साझा किया। एमडीयू रोहतक के वीसी प्रोफेसर राजबीर सिंह ने कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति ऐसी है, जिससे हमारे छात्रों के विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके बजाय विदेश के छात्रों को ही शोध के लिए भारत आना होगा। कार्यक्रम में चौधरी बंसी लाल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.आरके मित्तल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ हरियाणा के वीसी प्रो.आरसी कुहाड़, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.एसके गखड़, एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई के वीसी डा.संदीप संचेती, मानव रचना यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.आइके भट्ट, एमआरआइआइआरएस के वीसी डा.संजय श्रीवास्तव, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के उपाध्यक्ष डा.अमित भल्ला सहित कई ने हिस्सा लिया।


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