ग्रामीण क्षेत्र में 30 हजार परिवार पहचान पत्र बने
सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए लोगों को अब कई दस्तावेजों को संभालने की जरूरत नहीं होगी। इसकी जगह अब परिवार पहचान पत्र एक नया दस्तावेज होगा। इसमें परिवार सहित बाकी दस्तावेजों की एकीकृत जानकारी होगी।
सुभाष डागर, बल्लभगढ़ : सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए लोगों को अब कई दस्तावेजों को संभालने की जरूरत नहीं होगी। इसकी जगह अब परिवार पहचान पत्र एक नया दस्तावेज होगा। इसमें परिवार सहित बाकी दस्तावेजों की एकीकृत जानकारी होगी। इससे लोग सरकार के साथ पत्राचार और संवाद करेंगे। जनगणना 2011 के अनुसार, बल्लभगढ़ खंड के ग्रामीण क्षेत्र में 28,444 परिवार रहते थे। अब इन परिवारों की संख्या बढ़कर 40 हजार से ज्यादा हो चुकी है। प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक बल्लभगढ़ खंड में सिर्फ 30 हजार परिवार पहचान पत्र बनाए हैं, जो 2011 की जनगणना के हिसाब से सिर्फ 1556 परिवार ज्यादा हैं।
सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनाने पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया है। सरकार चाहती है कि परिवार पहचान पत्र बनाने से एक डाटा तैयार हो जाएगा कि परिवार की आर्थिक स्थिति क्या है। उसकी वार्षिक और मासिक आय कितनी है। परिवार की जरूरत क्या है। इस तरह के डाटा एकत्रित होने के बाद सरकार लोगों की जरूरतों के अनुसार विकास और जनकल्याणकारी योजनाएं बनाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को अभी परिवार पहचान पत्र के बारे में जानकारी नहीं है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र में परिवार पहचान पत्र जो बनाए गए हैं, उनका डाटा कम है। सरकार ने गांवों में परिवारों के परिचय पहचान पत्र बनाने के लिए सरकारी स्कूल के अध्यापक, आंगनबाड़ी वर्कर, बूथ स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। ये परिचय पत्र आनलाइन बन रहे हैं।
वर्जन..
खंड में 30 हजार परिवारों के पहचान पत्र बन चुके हैं। परिवारों की संख्या के हिसाब से ये 90 फीसद हैं। अभी तक जिन परिवारों के पहचान पत्र नहीं बने हैं, वे सामुदायिक सेवा केंद्र या फिर अटल सेवा केंद्र पर अपने आधार कार्ड नंबर देकर इसे बनवा सकते हैं। इसके लिए चाहें, तो वो स्कूल मे अध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बूथ स्तर के अधिकारी से मिलकर भी अपना परिवार पहचान पत्र बनवा सकते हैं।
-प्रदीप कुमार, खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी बल्लभगढ़