Move to Jagran APP

सूखती धान की फसल के लिए बारिश बनी वरदान

बुधवार रात और बृहस्पतिवार को दिन भर हुई मानसून की अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई है। अब किसानों को धान के लिए न तो बिजली आने का इंतजार करने की जरूरत है न ही एक सप्ताह तक सिचाई करने की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:18 PM (IST)
सूखती धान की फसल के लिए बारिश बनी वरदान

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : बुधवार रात और बृहस्पतिवार को दिन भर हुई मानसून की अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई है। अब किसानों को धान के लिए न तो बिजली आने का इंतजार करने की जरूरत है, न ही एक सप्ताह तक सिचाई करने की। बारिश से सबसे ज्यादा लाभ धान की फसल को हुआ है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की रात को सबसे ज्यादा बारिश मोहना उपतसहील में 55 मिलीमीटर और सबसे कम तिगांव में 8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। फरीदाबाद में 44, बल्लभगढ़ 47, दयालपुर में 45, बड़खल में 20, धौज में 44 और गौंछी में 46 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। अब तक जो खरीफ की फल सूखने के कगार पर थी, उसके लिए ये बारिश वरदान साबित हुई। अब वे हरी-भरी हो जाएगी। खासकर ज्वार, बाजरा, मक्का की फसल को भी लाभ मिलेगा।

loksabha election banner

मानसून को पूरा डेढ़ महीना बीत चुका है। पहली अच्छी बारिश हुई है। ये बारिश पूरी रात धीमी गति से पड़ती रही। तेज गति से जो बारिश होती है, उसका पानी बह जाता है। जो बारिश रात को हुई है, ये पानी सीधे जमीन में नीचे चला गया। इससे फसलों को अच्छा लाभ हुआ है।

-अशोक कुमार, किसान ये बारिश फायदेमंद हैं। इससे सूखे की चिता कम हुई है। इस बारिश से पानी खेतों में जमा हुआ है। इससे जमीन कई दिन तक गीली रहेगी।

-डॉ.आनंद कुमार, क्षेत्रीय कृषि एवं विकास अधिकारी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फरीदाबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.