एनआइटी दशहरा पर संशय, अन्य जगह दिखेगा उल्लास
जागरण संवाददाता फरीदाबाद एनआइटी के ऐतिहासिक दशहरा पर विवाद की छाया यूं तो छह सा
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : एनआइटी के ऐतिहासिक दशहरा पर विवाद की छाया यूं तो छह साल से पड़ी हुई थी, फिर भी विवादों के बीच दशहरा मन ही जाता था। हां, पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते आयोजन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार जब सब कुछ सामान्य था और यह उम्मीद की जा रही थी कि खूब अच्छा आयोजन देखने को मिलेगा, पर विवादों की पिछले वर्कं की काली छाया से अभी पीछा नहीं छूटा। फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन ने इस बार आयोजन की अनुमति ही नहीं मांगी और पिछले सात दशक से शानदार आयोजन करती आ रही सिद्धपीठ हनुमान मंदिर की प्रबंधक समिति ने प्रशासन से आयोजन की अनुमति मांगी, तो उसे अंत समय तक अनुमति ही नहीं मिली। बृहस्पतिवार को देर शाम तक दशहरा मैदान में पुलिस बैठी रही।
इंटरनेट मीडिया पर एनआइटी के विभिन्न लोगों ने शहर की सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व राजनीति करने वालों को खूब खरी-खोटी सुनाई, उनके मन-मस्तिष्क में टीस दिखाई दी कि जहां देश के विभिन्न शहरों में दशहरे का उल्लास होगा, अपने जिले में भी अन्य स्थानों पर दशहरा मनेगा, पर एनआइटी का दशहरा मैदान इससे अछूता रह जाएगा।
बुधवार तक यह बात कही जा रही थी कि दशहरे का आयोजन प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में होगा, लेकिन बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन के अधिकारी इससे इन्कार करते नजर आए। एनआइटी में पिछले सात दशक में ऐसा पहली बार हो रहा है। इससे पहले श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर मार्केट नंबर एक की ओर से हर वर्ष दशहरे पर शोभा यात्रा भी निकाली जाती रही है, पर इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है।
श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर, मार्केट नंबर एक के प्रधान राजेश भाटिया ने बताया कि मंदिर कमेटी की ओर से अगस्त से ही दशहरा की तैयारी शुरू दी गई थी और इसके लिए आवश्यक कार्रवाई के साथ अनुमति मांगी गई थी, पर अंत समय तक अनुमति नहीं मिली। इस कारण आयोजन नहीं हो पा रहा है। यह बेहद खेद का विषय है कि सिर्फ एनआइटी के लोगों को दशहरा उत्सव से वंचित किया गया।
बता दें वर्ष 2016 में प्रशासन ने एनआइटी में दो संगठनों को दशहरा मनाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद विवाद बढ़ गया था। इसके चलते अगले वर्षो में प्रशासन की निगरानी में दशहरा का आयोजन किया जाने लगा था। पिछले वर्ष कोरोना के चलते दशहरा का आयोजन नहीं हो पाया था। एक बार तो स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसमें दखल देना पड़ा था और वह स्वयं आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में आए थे।
मास्क सहित होगा रावण के पुतले का दहन : फरीदाबाद दशहरा कमेटी, सेक्टर-28 की ओर से शुक्रवार को दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। दशहरा में लेजर शो के माध्यम से राम-रावण युद्ध दिखाया जाएगा। कमेटी की ओर से रावण का 65 फुट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है। संयोजक कौशल बाठला ने बताया कि केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। कौशल बाठला ने बताया कि लेजर शो के दौरान ऐसा नजारा होगा, जिसमें रावण के चेहरे के रंग बदलते नजर आएंगे। शिव तांडव भी होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए रावण के पुतले के मुंह पर मास्क भी लगाया जाएगा। लोगों को हम यह संदेश देंगे कि अभी कोरोना के नियमों के पालन की जरूरत है। लापरवाही ठीक नहीं है।
दशहरा पर सिर्फ रावण का पुतला जलाने की अनुमति
जासं, बल्लभगढ़ : कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष दशहरा नहीं मनाया गया था। अब कोरोना नियंत्रण में है। नव युवक दशहरा समिति ने फिर से दशहरा मनाने का फैसला लिया है। इस बार प्रशासन ने सिर्फ रावण का पुतला जलाने की अनुमति दी है। इसके बारे में जानकारी देते हुए समिति के सचिव श्याम सुंदर ने बताया कि रावण 30 फुट ऊंचा होगा। रावण दहन दशहरा मैदान में किया जाएगा। इस बार झांकी भी कम निकालने की अनुमति मिली है। इसलिए झांकियों संख्या भी पांच-छह होगी। शहर में पिछले वर्षो के मुकाबले लाइटिग भी कम की गई है। झांकी पंजाबी धर्मशाला से शुरू होगी। मोहना मार्ग, गुप्ता होटल चौक, ऊंचा गांव बाजार, महाराजा अग्रसेन चौक, मेन बाजार, अंबेडकर चौक, बस अड्डा मार्केट, नगर निगम कार्यालय से होते हुए दशहरा मैदान में पहुंचेगी।