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दिल्ली-एनसीआर के बाउंसरों ने सुपारी लेकर की थी हत्या

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पटना निवासी प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण विश्वकर्मा की हत्या मामले में

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Dec 2017 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 06 Dec 2017 08:21 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर के बाउंसरों ने सुपारी लेकर की थी हत्या

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पटना निवासी प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण विश्वकर्मा की हत्या मामले में क्राइम ब्रांच को अहम सुराग हाथ लगे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के बाउंसरों ने सुपारी लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए दिल्ली-एनसीआर के कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। सुपारी देने का शक प्रवीण के एक पुराने दोस्त वरुण ¨सह पर है। उसके मुंबई में छिपे होने की सूचना है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम मुंबई रवाना होगी। मामले की कड़ियां जोड़ने के लिए एक टीम बिहार भी जाएगी।

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बता दें कि पटना निवासी प्रवीण ने अपने दोस्त वरुण ¨सह के एक प्लॉट का सौदा किसी अन्य से कराया था। वरुण को डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया था, मगर वह ना रजिस्ट्री करा रहा था और न ही रुपये वापस कर रहा था। प्रवीण उस पर दबाव डाल रहा था।

29 नवंबर की शाम वरुण ने प्रवीण को पेमेंट करने के बहाने दिल्ली बुलाया। उसकी जहाज की टिकट भी कराकर दी थी। 30 नवंबर को उसे दो गोली मारकर सूरजकुंड-पाली रोड पर अधमरी हालत में डाल दिया था। वहीं से प्रवीण ने फोन पर परिजनों को घटना के बारे में बताया था और बाद में दम तोड़ दिया।

उपायुक्त कार्यालय के सामने होटल में ठहरा था प्रवीण : पुलिस की जांच में पता चला है कि प्रवीण पटना से दिल्ली एयरपोर्ट पर 29 नवंबर शाम करीब 6.45 बजे पहुंचा था और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एयरपोर्ट से करीब 7.30 बजे बाहर आ गया था। उसने पटना से ही सेक्टर-21सी पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने स्थित पार्क प्लाजा होटल में ऑनलाइन कमरा बुक करवाया था। एयरपोर्ट से वह पार्क प्लाजा होटल पहुंचा। रात करीब 8 बजे उसने अपने घर पटना फोन पर बात भी की थी।

पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं गई थी कॉल : इस मामले में एक और अहम बात सामने आई है कि प्रवीण के मोबाइल नंबर से फरीदाबाद कंट्रोल रूम में कोई कॉल गई थी। जांच के दौरान प्रवीण की कॉल डिटेल में यह तथ्य सामने आया है। दरअसल, उसके रिश्तेदार रंजीत ने आरोप लगाया था कि प्रवीण ने गोली मारकर फेंके जाने के बाद अधमरी हालत में पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया था, वहां बैठे कर्मी उसकी लोकेशन पूछते रहे, मगर सहायता नहीं की। इसके अलावा रंजीत ने पुलिस पर देरी से सक्रिय होने का भी आरोप लगाया है। इन आरोपों की जांच पुलिस आयुक्त डॉ.हनीफ कुरैशी ने एसीपी शाकिर हुसैन को सौंपी है।


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