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पीड़ित व परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: पुलिसकर्मियों द्वारा थर्ड डिग्री दिए जाने के पीड़ित राजेंद्र व उसके परिवार वालों को अब प्रताड़ित किया जाना शुरू हो गया है। रविवार को बादशाह खान अस्पताल से राजेंद्र को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि परिजनों का कहना है कि उसकी हालत अभी सही नहीं है, उसे दो से तीन दिन अस्पताल में इलाज की जरूरत है। उसके सिर में अभी जख्म है। रविवार सुबह ही उसे खून की उल्टी हुई। परिवार वालों के इंकार के बावजूद अस्पताल प्रबंधन उसकी छुट्टी करने पर अड़ा है। सवाल उठता है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन किसके दबाव में काम कर रहा है। वहीं रात में राजेंद्र की पत्नी के पास भी एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले खुद को ओल्ड थाने का पुलिसकर्मी बताकर ऊल-जुलूल बातें कीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 04:14 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 04:14 PM (IST)
पीड़ित व परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: पुलिसकर्मियों द्वारा थर्ड डिग्री दिए जाने के पीड़ित राजेंद्र व उसके परिवार वालों को अब प्रताड़ित किया जाना शुरू हो गया है। रविवार को बादशाह खान अस्पताल से राजेंद्र को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि परिजनों काआरोप है कि उसकी हालत अभी सही नहीं है, उसे दो से तीन दिन अस्पताल में इलाज की जरूरत है। उसके सिर में अभी जख्म है। रविवार सुबह ही उसे खून की उल्टी हुई। परिवार वालों के इंकार के बावजूद अस्पताल प्रबंधन उसकी छुट्टी करने पर अड़ा है। सवाल उठता है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन किसके दबाव में काम कर रहा है। वहीं रात में राजेंद्र की पत्नी के पास भी एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले खुद को ओल्ड थाने का पुलिसकर्मी बताकर ऊल-जुलूल बातें कीं। क्राइम ब्रांच प्रभारी के छुट्टी जाने पर सवाल :

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इस मामले में राजेंद्र के परिजन उस प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं जिस क्राइम ब्रांच में ले जाकर उसे थर्ड डिग्री दी गई। उनका कहना है कि इस क्राइम ब्रांच का प्रभारी अब तक सीन से गायब है। उनका सवाल है कि क्राइम ब्रांच में होने वाले हर नैतिक-अनैतिक कार्य की जिम्मेदारी प्रभारी की होती है। वह यह कहकर नहीं बच सकता कि मामला उसके संज्ञान में नहीं था। अगर मामला उसके संज्ञान में नहीं था तो यह और भी गंभीर बात है। ऐसे तो निचले स्तर के पुलिसकर्मी क्राइम ब्रांच में किसी को भी लाकर उसके साथ जो चाहें करें, प्रभारी को कुछ पता ही नहीं चलेगा। इस वारदात के बाद उक्त क्राइम ब्रांच प्रभारी छुट्टी चले गए। यह भी सवाल खड़े करता है। परिजनों का कहना है कि क्राइम ब्रांच प्रभारी की फोन लोकेशन निकलवाकर पता चल सकता है कि घटना के वक्त वे कहां थे। बता दें कि इस मामले में एसआइ सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। साथ ही अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।

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हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है। डॉक्टरों को लगा होगा कि राजेंद्र की हालत अब सही है, इसलिए डिस्चार्ज के लिए लिखकर दिया।

-डॉ.बीर¨सह सहरावत, पीएमओ, राजकीय बादशाह खान अस्पताल


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