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बड़खल मोड़ पर लगे होते कैमरे, तो हाथ आ जाता हिस्ट्रीशीटर

स्मार्ट सिटी के चौक-चौराहों सहित हाईवे पर लगे 600 सीसीटीवी कैमरे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की दीवार पर 30 से अधिक एलईडी स्क्रीन और इस सारे प्रबंधन पर खर्च हो रहे हैं 159 करोड़ रुपये।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 08:23 PM (IST)
बड़खल मोड़ पर लगे होते कैमरे, तो हाथ आ जाता हिस्ट्रीशीटर

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : स्मार्ट सिटी के चौक-चौराहों सहित हाईवे पर लगे 600 सीसीटीवी कैमरे, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की दीवार पर 30 से अधिक एलईडी स्क्रीन और इस सारे प्रबंधन पर खर्च हो रहे हैं 159 करोड़ रुपये, पर बड़खल-सेक्टर-28 मोड़ जहां पर श्रीसासाराम होटल में विकास दुबे ठहरा हुआ था, उस अति व्यस्त मोड़ पर कोई कैमरा ही नहीं लगा हुआ है। अगर कैमरे लगे होते, तो कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में हर हरकत पर नजर रखने के लिए बैठे पुलिस कर्मियों की पैनी नजरों के सामने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की चाल-ढाल जरूर आती और पकड़ में आ सकता था।

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कमांड कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य ही पुलिस को स्मार्ट करना, ताकि शहर में प्रमुख स्थानों पर होने वाली हर हरकत पर नजर रखना और जिस शख्स की संदिग्ध गतिविधियां है, उसकी धरपकड़ करना है।

सेंटर में 12 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी है और ये तीन शिफ्ट में काम करते हैं, इस तरह 24 घंटे कैमरों की रिकॉर्डिंग पर नजर रखी जा रही है। सेंटर में तैनात कर्मी जैसे ही देखते हैं कि किसी जगह पर यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है अथवा कोई गलत हरकत हुई है, तो उस बारे में तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया जाता है और वहां से संबंधित थाने को फोन करके सूचना दी जाती है। थाने की पुलिस उस जगह पहुंचकर कार्रवाई करती है।

अब जिस श्रीसासाराम होटल में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ठहरा हुआ था, वो बिल्कुल हाईवे पर बड़खल मोड़-सेक्टर-28 को जाने वाले मार्ग पर स्थित है। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के निवास को जाने वाली यह रोड भी स्मार्ट रोड बनी हुई है। अति व्यस्त इस मोड़ की दूसरी ओर बड़खल का पुल है। यहां दिन में सुबह से लेकर शाम तक पुलिस कर्मी भी बैठे रहते हैं। सीसीटीवी कैमरे तो नहीं लगे, पर दोपहर 12 बजे जब विकास दुबे हाईवे पर स्थित होटल से निकल कर बाहर आया था, तो पैदल ही कुछ दूरी पर चला और फिर बाइक पर बैठ कर गया। तब भी नजरों में न आना यहां मौजूद इन पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। निश्चित रूप से कंट्रोल एंड कमांड सेंटर हमारे लिए फायदेमंद है और कई मामले सुलझाए भी गए हैं। अभी 900 कैमरे और लगाए जाने हैं। सेक्टर-28 मोड़ को भी स्मार्ट रोड बनाने का काम चल रहा है। संभवतया इसी लिए मोड़ पर कैमरे अभी नहीं लगे होंगे। कहीं कमी है, तो उन्हें दूर किया जाएगा।

-राजेश दुग्गल, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय)


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